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फरीदाबाद में श्रद्धा रामलीला का भव्य मंचन

फरीदाबाद में श्रद्धा रामलीला का उद्घाटन भव्य तरीके से हुआ, जिसमें श्रवण कुमार और रावण के महत्वपूर्ण दृश्यों का मंचन किया गया। दर्शकों ने कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय की सराहना की। इस कार्यक्रम में माता-पिता की दृष्टिहीनता को दूर करने के लिए श्रवण कुमार का ऋषि वशिष्ठ के पास जाना और रावण का अहंकार टूटने जैसे दृश्य शामिल थे। जानें इस अद्भुत रामलीला के बारे में और क्या-क्या हुआ।
 

श्रद्धा रामलीला का उद्घाटन


फरीदाबाद। राष्ट्रीय राजधानी के निकट स्थित फरीदाबाद में श्रद्धा रामलीला का पहला दिन बेहद शानदार रहा। इस दिन माता-पिता की दृष्टिहीनता को दूर करने के लिए श्रवण कुमार का ऋषि वशिष्ठ के पास जाना, कैलाश पर्वत पर रावण का अहंकार टूटना, नंदी द्वारा रावण का उपहास उड़ाना, शिव तांडव स्तोत्र की रचना, और रावण द्वारा भगवान शिव से चंद्रहास खडग़ प्राप्त करने जैसे दृश्य प्रस्तुत किए गए।


उत्कृष्ट अभिनय की सराहना

अंकित मुखीजा ने शिव का, अंकिता ने पार्वती का, श्रवण चावला ने रावण का, और कशिश चावला ने श्रवण का किरदार निभाया। इसके अलावा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पूर्व कलाकार नेत्रपाल शर्मा ने नंदी और वशिष्ठ का अभिनय किया।


श्रवण कुमार के राजा दशरथ के बाण से मारे जाने का दृश्य


निर्देशक अनिल चावला ने बताया कि पहले दिन राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के जन्म के साथ-साथ राजा जनक और रानी सुनैना के यहां सीता जी के जन्म के दृश्यों का भी मंचन किया गया। उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार के राजा दशरथ के बाण से मारे जाने का दृश्य भी दिखाया गया।


इसके अतिरिक्त, वेदवती के प्राण त्यागने, रावण को शाप देने, और राक्षसों द्वारा ऋषियों को सताए जाने के दृश्यों का भी मंचन किया गया। दर्शकों ने अजय खरबंदा (दशरथ), कशिश चावला (श्रवण), योगंधा वशिष्ठ (वेदवती), और सोनिया शर्मा (सुनैना) के अभिनय की प्रशंसा की। दिल्ली से रामलीला देखने आए रोहित मलिक ने कहा कि वेदवती, रावण, श्रवण, दशरथ, और वशिष्ठ ऋषि की भूमिकाओं में कलाकारों का प्रदर्शन अद्भुत था।