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फलों की फसल को कीटों से बचाने के लिए नया फ्रूट फ्लाई ट्रैप

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने बागवानी फसलों के लिए एक नया और किफायती फ्रूट फ्लाई ट्रैप विकसित किया है, जिसकी कीमत 130 रुपये है। यह ट्रैप किसानों को कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा और फसलों की गुणवत्ता को बनाए रखेगा। जानें इस ट्रैप के उपयोग के तरीके और इसके लाभ।
 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का नवाचार


फ्रूट फ्लाई ट्रैप की कीमत और उपयोग
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग ने बागवानी फसलों के लिए एक किफायती फ्रूट फ्लाई ट्रैप विकसित किया है। इस ट्रैप की कीमत 130 रुपये है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी आर काम्बोज ने इस ट्रैप का उद्घाटन करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी।


प्रो. काम्बोज ने कहा कि अनुसंधान एक निरंतर प्रक्रिया है और किसानों को कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे ऑर्गेनिक खेती को अपनाएं।


फलों पर मक्खियों का प्रभाव

हरियाणा में बागवानी फसलों का क्षेत्रफल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इन फसलों पर कई कीटों का हमला होता है। फल मक्खी सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है, जिससे अमरूद, किन्नू, नाशपाती, आड़ू और आम की फसल को गंभीर नुकसान होता है।


प्रो. काम्बोज ने बताया कि फल मक्खी तरबूज, खरबूजा, खीरा, तोरई, करेला, कद्दू और परवल जैसी फसलों में 30 से 80 प्रतिशत तक उत्पादन की हानि कर सकती है। इस ट्रैप के उपयोग से कीटनाशकों पर निर्भरता कम होगी और किसानों की लागत में कमी आएगी।


एक एकड़ में ट्रैप की संख्या

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि एक एकड़ फसल में 14 से 16 ट्रैप लगाने की सिफारिश की गई है। यह ट्रैप खेत में आसानी से टहनी या खूंटी पर लगाया जा सकता है।


डॉ. सुनीता यादव ने बताया कि ट्रैप लगाने से फल मक्खी के नर कीट फंसकर मर जाते हैं, जिससे प्रजनन क्रिया कम होती है और कीट की संख्या घटती है।