फ़िरोज़ाबाद में रेलवे ओवरब्रिज गिरने से मच गई अफरा-तफरी, ठेकेदार लापता
दर्दनाक हादसा फ़िरोज़ाबाद में
राष्ट्रीय समाचार: गुरुवार की रात फ़िरोज़ाबाद के टुंडला क्षेत्र में एक निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज अचानक ढह गया। इस घटना के समय 16 से 18 श्रमिक काम कर रहे थे, जिनमें से 12 मलबे में फंस गए। स्थानीय निवासियों ने चीख-पुकार सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचकर मदद की। राहत कार्य के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया गया, और धीरे-धीरे श्रमिकों को मलबे से निकाला गया। कई श्रमिक गंभीर रूप से घायल पाए गए और उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से एफ.एच. मेडिकल कॉलेज भेजा गया। जब परिवार के सदस्य अस्पताल पहुंचे, तो वहां अफरा-तफरी का माहौल था।
ठेकेदार का लापता होना
हादसे के तुरंत बाद पुल के निर्माण का कार्य संभालने वाले ठेकेदार का कोई पता नहीं चला। स्थानीय लोगों ने निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाया है और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने कहा कि फिलहाल बचाव कार्य प्राथमिकता है, लेकिन इसके बाद जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ते हादसे
यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर प्रदेश में लगातार गंभीर घटनाएं हो रही हैं। हाल ही में फर्रुखाबाद के एक कोचिंग सेंटर में धमाके से दो छात्रों की मौत हुई थी। कानपुर में मस्जिद के पास विस्फोट और अयोध्या में हुए धमाके ने पांच लोगों की जान ले ली। इन घटनाओं ने लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है। अब पुल के गिरने की घटना ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यात्रा मार्ग में बदलाव
पुल के गिरने के तुरंत बाद रेलवे और पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गए। यात्रियों को दीपाचौराहा से ईस्ट गेट अंडरपास के माध्यम से भेजा गया। हादसे वाली जगह को पूरी तरह से सील कर दिया गया और आसपास के यातायात को बंद कर दिया गया ताकि भीड़ न जुटे। अधिकारियों ने कहा कि जब तक सुरक्षा जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक यातायात बहाल नहीं किया जाएगा। लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई।
बड़े अधिकारी现场 पर
जैसे ही हादसे की जानकारी फैली, जिला प्रशासन और रेलवे के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएम रमेश रंजन, एसएसपी सौरभ दीक्षित, एडीएम विशु राजा, और एसडीएम अंकित वर्मा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्य की निगरानी करते रहे। जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटाती रहीं, और अधिकारियों ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए। इससे लोगों को कुछ हद तक भरोसा मिला, लेकिन गुस्सा और डर बना रहा।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल के निर्माण में निगरानी बेहद ढीली थी। लापरवाही और तकनीकी खामियां इस दुर्घटना का कारण बनीं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रहे हादसों का मुख्य कारण कमजोर सुपरविजन और जिम्मेदारी की कमी है। अब मांग उठ रही है कि ठेकेदार और इंजीनियर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों को सजा मिले।
जवाबदेही और सख्ती की आवश्यकता
फ़िरोज़ाबाद ब्रिज हादसे ने एक बार फिर यह चेतावनी दी है कि जब तक निर्माण कार्यों पर सख्त निगरानी नहीं होगी, ऐसे हादसे नहीं रुकेंगे। उत्तर प्रदेश में विकास परियोजनाएं तेजी से चल रही हैं, लेकिन श्रमिकों और यात्रियों की सुरक्षा की कीमत पर विकास अधूरा है। लोगों ने सरकार से अपील की है कि सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए, अन्यथा हर नया प्रोजेक्ट लोगों की जान पर भारी पड़ेगा।