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फिजिक्सवाला ने आईपीओ के जरिए 3,820 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई

फिजिक्सवाला, एक प्रमुख शिक्षा प्रौद्योगिकी यूनिकॉर्न, ने अपने विस्तार के लिए 3,820 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। कंपनी ने सेबी के पास अद्यतन दस्तावेज दाखिल किए हैं, जिसमें नए शेयर जारी करने और प्रवर्तकों द्वारा बिक्री पेशकश शामिल है। जानें कि फिजिक्सवाला इन फंडों का उपयोग कैसे करेगी और इसके भविष्य की योजनाएं क्या हैं।
 

फिजिक्सवाला का आईपीओ प्रस्ताव

शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की यूनिकॉर्न कंपनी फिजिक्सवाला ने अपने विस्तार और विकास के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से 3,820 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास अद्यतन दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।


शनिवार को प्रस्तुत अद्यतन दस्तावेजों के मसौदे के अनुसार, इस प्रस्तावित आईपीओ में 3,100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि प्रवर्तकों द्वारा 720 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) की जाएगी।


प्रवर्तक अलख पांडेय और प्रतीक बूब ओएफएस के तहत 360-360 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं।


वर्तमान में, दोनों प्रवर्तकों के पास कंपनी में 40.35 प्रतिशत हिस्सेदारी है।


नोएडा स्थित फिजिक्सवाला ने मार्च में गोपनीय मार्ग के माध्यम से आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे और जुलाई में बाजार नियामक से मंजूरी प्राप्त की थी। इसके बाद, कंपनियों को आरएचपी दाखिल करने से पहले अद्यतन डीआरएचपी प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।


फिजिक्सवाला ने बताया कि नए शेयरों से प्राप्त राशि का उपयोग 460.5 करोड़ रुपये नए ऑफलाइन और हाइब्रिड केंद्रों की स्थापना में किया जाएगा, जबकि 548.3 करोड़ रुपये मौजूदा केंद्रों के पट्टे के भुगतान के लिए खर्च किए जाएंगे।


कंपनी अपनी सहायक कंपनी ज़ाइलम लर्निंग में 47.2 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसमें नए केंद्रों के लिए 31.6 करोड़ रुपये और पट्टे के भुगतान तथा छात्रावासों के लिए 15.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।


इसके अतिरिक्त, 33.7 करोड़ रुपये उत्कर्ष क्लासेस एंड एडुटेक को उसके केंद्रों के पट्टे के भुगतान के लिए आवंटित किए जाएंगे।


200.1 करोड़ रुपये सर्वर और क्लाउड ढांचे के लिए, 710 करोड़ रुपये विपणन पहलों के लिए और 26.5 करोड़ रुपये उत्कर्ष क्लासेस में अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।


फिजिक्सवाला जेईई, नीट, गेट और यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम प्रदान करती है। इसके साथ ही, यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (यूट्यूब, वेबसाइट और ऐप) के माध्यम से तकनीक-सक्षम ऑफलाइन और हाइब्रिड केंद्रों के जरिए कौशल विकास कार्यक्रम भी संचालित करती है, जो ऑनलाइन शिक्षण को व्यक्तिगत सहायता के साथ जोड़ते हैं।