फूलों की खेती: एक एकड़ में गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा उगाकर कमाएं लाखों
फूलों की खेती का नया युग
फूलों की खेती: गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा की खेती से लाखों कमाएं: (फूलों की खेती) अब पारंपरिक कृषि का एक आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है। सतना जिले के किसान अब गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा जैसे फूलों की खेती में नई संभावनाएं खोज रहे हैं। केवल एक एकड़ भूमि में इस खेती को शुरू किया जा सकता है और सालभर में आय प्राप्त की जा सकती है।
(फूलों की खेती) की एक विशेषता यह है कि इसमें लागत कम आती है और बाजार में फूलों की मांग हमेशा बनी रहती है। दिवाली, शादियों और त्योहारों के दौरान फूलों की कीमत ₹150 प्रति किलो तक पहुंच जाती है।
वैज्ञानिक विधियों से नर्सरी की तैयारी करें
(फूलों की नर्सरी) लगाने का उचित समय जून से जुलाई के पहले सप्ताह तक होता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जून में बीज बोकर नर्सरी तैयार करें और जुलाई में ट्रांसप्लांट करें। इससे सितंबर तक अच्छी पैदावार प्राप्त होती है।
शेडनेट या पुरानी मच्छरदानी से छोटा ग्रीनहाउस बनाकर नर्सरी तैयार की जा सकती है। पौधों की प्रारंभिक वृद्धि अच्छी होनी चाहिए ताकि फील्ड में ट्रांसप्लांट के बाद बेहतर फूल मिल सकें। कमजोर पौधों से छोटे फूल निकलते हैं, जिससे बाजार मूल्य में कमी आती है।
ग्रामीण युवाओं के लिए स्टार्टअप का अवसर
(फूलों का स्टार्टअप) अब एक व्यवसायिक मॉडल बन चुका है। सतना के कई युवा किसान इस मॉडल को अपनाकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं। फूलों की खेती के साथ-साथ प्रोसेसिंग यूनिट, खुशबू निकालने की यूनिट और गार्लैंड्स बनाने का कार्य भी शुरू किया जा सकता है।
(फूलों का व्यवसाय) को व्यवस्थित तरीके से चलाया जाए तो यह एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। सही तकनीक, समय पर सिंचाई और बाजार से जुड़ाव इस खेती को सफल बनाते हैं।