फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू का इस्तीफा, राजनीतिक संकट गहराया
फ्रांस में राजनीतिक उथल-पुथल
नई दिल्ली। फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने केवल एक महीने में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले, वे फ्रांस के रक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत थे। राष्ट्रपति मैक्रों ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया था। इस इस्तीफे ने फ्रांस में राजनीतिक संकट को और बढ़ा दिया है, और राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार भी कर लिया है।
हाल के दिनों में फ्रांस की राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। रविवार को राष्ट्रपति मैक्रों ने एक बैठक की, जिसके बाद उनके मंत्रिमंडल में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ और उन्होंने नए कैबिनेट का ऐलान किया। इसी घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया।
सेबेस्टियन लेकोर्नू अब फ्रांस के सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं। मैक्रों द्वारा की गई उनकी नियुक्ति के बावजूद, उनका इस्तीफा कई समस्याओं की ओर इशारा करता है। इसके पीछे मुख्य कारण फ्रांस का बढ़ता सार्वजनिक ऋण माना जा रहा है।
फ्रांस सरकार ने अब तक का सबसे अधिक कर्ज लिया है, जिससे उसे अपने खर्चों को पूरा करने के लिए भारी उधारी लेनी पड़ रही है। यह कर्ज रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है, और यूरोपीय संघ में ग्रीस और इटली के बाद फ्रांस का कर्ज सबसे अधिक है।
क्या मैक्रों का योजना विफल हो गई?
राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले साल के मध्य में आकस्मिक संसदीय चुनावों का ऐलान किया था, जिससे देश की स्थिति को मजबूत करने की उम्मीद थी। लेकिन चुनावों के बाद से फ्रांस राजनीतिक गतिरोध में फंस गया है। इस कारण, मैक्रों का दांव उल्टा पड़ गया है और अब विधानसभा में उनका गुट अल्पमत में है।