फ्रांस में नए प्रधानमंत्री के रूप में सेबेस्टियन लेकोर्नू की नियुक्ति
फ्रांस के नए प्रधानमंत्री का चयन
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सेबेस्टियन लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। यह निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेरॉ के संसद में विश्वास मत हारने के बाद लिया गया। लेकोर्नू को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है जब देश की अर्थव्यवस्था के लिए बजट पास कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है और फ्रांस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी चल रही है।सेबेस्टियन लेकोर्नू, जो 39 वर्ष के हैं, फ्रांस के सबसे युवा रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति मैक्रों का करीबी और विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है। लेकोर्नू ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद फ्रांस की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई थी, जिसके तहत 2030 तक सेना पर भारी खर्च करने की योजना है।
लेकोर्नू ने 2017 में मैक्रों के आंदोलन में शामिल होकर कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। 'येलो वेस्ट' आंदोलन के दौरान, उन्होंने जनता के गुस्से को बातचीत के माध्यम से शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब उन्हें एक साल के भीतर फ्रांस का चौथा प्रधानमंत्री बनाया गया है, जो देश में राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
नए प्रधानमंत्री की आवश्यकता क्यों पड़ी? पिछली सरकार बजट को लेकर संसद में समर्थन प्राप्त नहीं कर सकी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेरॉ को इस्तीफा देना पड़ा। अब लेकोर्नू के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे सभी राजनीतिक पार्टियों को बजट पर सहमत कराएं।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब 'ब्लॉक एवरीथिंग' नामक आंदोलन बुधवार को फ्रांस में बड़े पैमाने पर चक्का जाम करने की योजना बना रहा है। इस प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने 80,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। मैक्रों को उम्मीद है कि लेकोर्नू अपनी क्षमताओं से इन चुनौतियों का सामना करेंगे और देश को राजनीतिक संकट से बाहर निकालेंगे।