फ्रांस में प्रदर्शनकारियों का उग्र विरोध, नए प्रधानमंत्री पर दबाव
फ्रांस में हाल ही में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और आगजनी की, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। गृह मंत्री ने बताया कि लगभग 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। लेकोर्नू की नियुक्ति के बाद, सांसदों ने उनके पूर्ववर्ती को विश्वास मत में गिरा दिया, जिससे देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
Sep 10, 2025, 15:54 IST
फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन
फ्रांस में हाल ही में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और आगजनी की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव डालना था, ताकि उनके नए प्रधानमंत्री को कड़ी सजा दी जा सके। इस संदर्भ में, फ्रांस के आंतरिक मंत्री ने बताया कि राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के पहले घंटों में लगभग 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा कि पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस में आग लगाई गई और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचाने से ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी विद्रोह का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे।
नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति
इससे पहले, मैक्रों ने सेबेस्टियन लेकोर्नू को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। उन्हें देश के विवादास्पद राजनीतिक दलों के साथ बजट पर सहमति बनाने का कार्य सौंपा गया। 39 वर्षीय लेकोर्नू, फ्रांसीसी इतिहास में सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री रहे हैं और उन्होंने 2030 तक एक बड़े सैन्य निर्माण की योजना बनाई है, जो यूक्रेन में रूस के युद्ध से प्रेरित है। लंबे समय से मैक्रों के वफादार लेकोर्नू अब एक साल में फ्रांस के चौथे प्रधानमंत्री बने हैं।
विश्वास मत का संकट
सोमवार को सांसदों ने लेकोर्नू के पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बायरू और उनकी सरकार को विश्वास मत में गिरा दिया, जिससे यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए एक नया संकट उत्पन्न हुआ है।