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फ्रांस में मस्जिदों के बाहर सूअरों के सिर मिलने से धार्मिक तनाव बढ़ा

फ्रांस की राजधानी पेरिस में नौ मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे हुए सिर मिलने से धार्मिक तनाव बढ़ गया है। इस घटना ने मुस्लिम समुदाय में आक्रोश पैदा किया है और सरकार ने सुरक्षा का आश्वासन दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि सभी को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है। राष्ट्रपति मैक्रों ने नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति की है, जबकि पुलिस ने विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है। यह घटना फ्रांस की सामाजिक स्थिरता के लिए एक और चुनौती बन गई है।
 

फ्रांस में धार्मिक तनाव का नया मामला

फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को एक गंभीर घटना घटी, जब नौ मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे हुए सिर पाए गए। इस घटना ने मुस्लिम समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है और धार्मिक सद्भाव पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। इनमें से पांच सिरों पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम लिखा हुआ था, जिससे मामला और भी संवेदनशील हो गया है।


इस्लाम में सूअर को अशुद्ध माना जाता है और इसका मांस खाना निषिद्ध है। ऐसे में इस प्रकार की घटना मुस्लिम समुदाय के लिए गहरी भावनात्मक चोट का कारण बनी है। फ्रांस में लगभग 60 लाख मुसलमान रहते हैं, जो यूरोप में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। स्थानीय समुदायों का मानना है कि यह केवल एक उकसाने की कोशिश नहीं, बल्कि धार्मिक पहचान पर सीधा हमला है।


गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि फ्रांस में हर किसी को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है और मुस्लिम समुदाय को डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


इस बीच, राष्ट्रपति मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है, जिनसे संसद में सहयोग बनाए रखने और आगामी 2026 बजट को पारित कराने की जिम्मेदारी दी गई है।


पेरिस पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज़ ने इस मामले में विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी रात के समय हुई हैं, जिनके पीछे बाहरी ताकतों का हाथ हो सकता है। उनका इशारा अप्रत्यक्ष रूप से रूस की ओर था, जिसे पहले भी फ्रांस में अशांति फैलाने के प्रयासों के लिए जिम्मेदार माना गया है।


हाल ही में, मई में यहूदी स्थलों और नरसंहार स्मारक को अपवित्र करने के मामले में तीन सर्बियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जिन पर विदेशी ताकतों से जुड़े होने का शक था। पेरिस अभियोजन कार्यालय ने पुष्टि की है कि चार मस्जिदों और राजधानी के बाहरी क्षेत्रों की पांच अन्य मस्जिदों में सूअरों के सिर पाए गए हैं। एक मस्जिद की दीवार पर मैक्रों का नाम नीले रंग से लिखा गया था, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि इस घटना के पीछे किसी संगठन या समूह की सोची-समझी साजिश हो सकती है।


फ्रांस पहले से ही राजनीतिक संकट और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस घटना ने देश की सामाजिक स्थिरता पर एक और प्रहार किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना केवल एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि फ्रांस की बहुलवादी व्यवस्था के खिलाफ भी है।