फ्रांस में सरकार विरोधी प्रदर्शन: 1 लाख से अधिक लोग सड़कों पर
फ्रांस में उग्र प्रदर्शन
नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं और हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को बजट में कटौती और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग को लेकर एक लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर आए। लेफ्ट पार्टियों ने इस बंद का आह्वान किया है। राष्ट्रपति मैक्रों की सरकार के खिलाफ 'ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन ने देशभर में हिंसक प्रदर्शन का रूप ले लिया है। पेरिस और अन्य प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हो रही हैं। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं और दर्जनों को गिरफ्तार किया गया है.
आर्थिक नीतियों का विरोध
इस आंदोलन की जड़ मैक्रों सरकार की आर्थिक नीतियों में है, जिनका जनता ने कड़ा विरोध किया है। सरकार ने सार्वजनिक अवकाशों में कटौती, पेंशन और कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगाने, और सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियों में कमी जैसे कदम उठाए हैं। इन नीतियों के खिलाफ जनता में गहरा असंतोष है, और प्रदर्शनकारी इन फैसलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
सड़कों को ब्लॉक करने की रणनीति
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पेरिस की सड़कों पर स्थिति कितनी बिगड़ गई है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को ब्लॉक करने के लिए कचरे के डिब्बे, बाड़ और अन्य सामग्रियों का उपयोग किया है। इनमें से कई डिब्बों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे धुएं का गुबार उठने लगा और इलाके में अराजकता फैल गई। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष
एक वीडियो में पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी 'POLICE' लिखी वर्दी में सड़क पर खड़ा है, जबकि उसके चारों ओर कचरे के डिब्बे और बिखरी हुई सामग्री दिखाई दे रही है। प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ने की कोशिश कर रहे हैं, और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई है। पेरिस पुलिस ने बताया है कि लगभग एक हजार प्रदर्शनकारियों ने गारे दु नॉर्ड रेलवे स्टेशन में जबरन घुसने की कोशिश की.
मैक्रों की चुनौतियाँ
राष्ट्रपति मैक्रों के लिए यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि हाल ही में प्रधानमंत्री फ्रैंकोइस बायरोउ की सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव में हार का सामना किया था। इस घटना के बाद मैक्रों ने एक नए प्रधानमंत्री का चुनाव किया है, लेकिन जनता का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा। 'ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन ने देश की अर्थव्यवस्था को ठप्प करने की धमकी दी है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है.