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फ्लाइट छूटने पर रिफंड कैसे प्राप्त करें: DGCA के नियम

क्या आपने कभी अपनी फ्लाइट छूटने पर सोचा है कि क्या आप रिफंड प्राप्त कर सकते हैं? DGCA के नियमों के अनुसार, यदि आप 'नो-शो' स्थिति में हैं, तो भी कुछ वैधानिक शुल्क वापस मिल सकते हैं। जानें कि आपको क्या करना चाहिए और रिफंड के लिए कैसे आवेदन करना है। इस लेख में हम आपको सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि अगली बार जब आपकी फ्लाइट छूट जाए, तो आप निराश न हों।
 

फ्लाइट रिफंड: एक महत्वपूर्ण जानकारी

फ्लाइट रिफंड: एयरपोर्ट पर दौड़, बोर्डिंग गेट पर खड़े होने का तनाव और अचानक यह जानना कि आपकी फ्लाइट छूट गई! यह अधिकांश यात्रियों के लिए एक बड़ा झटका होता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि फ्लाइट छूटने के बाद उनका पूरा टिकट बेकार हो गया और पैसे वापस नहीं मिलेंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस तरह के मामलों के लिए कुछ स्पष्ट नियम बनाए हैं। यदि आप जानते हैं कि 'नो-शो' नियम क्या है और रिफंड के लिए कैसे आवेदन करना है, तो आप अपनी छूटी हुई उड़ान से कुछ पैसे वापस पा सकते हैं।


DGCA के नियम

एयरलाइंस के दृष्टिकोण से, जब कोई यात्री बिना सूचना के अपनी उड़ान में शामिल नहीं होता, तो इसे 'नो-शो' कहा जाता है। आमतौर पर, ऐसी स्थिति में टिकट का आधार किराया वापस नहीं मिलता। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पूरी रकम खोनी पड़ेगी।


DGCA के नियम


DGCA के नियमों के अनुसार, कुछ वैधानिक शुल्क, जैसे यात्री सेवा शुल्क, हवाई अड्डा विकास शुल्क और ईंधन अधिभार (Fuel Surcharge), जो आपने टिकट खरीदते समय चुकाए थे, वापस लिए जा सकते हैं। इसके लिए आपको तुरंत एयरलाइन से संपर्क करना होगा और रिफंड क्लेम करना होगा। ध्यान रहे कि रिफंड की राशि टिकट की श्रेणी और मार्ग पर निर्भर करती है और यह कुछ सौ से लेकर हजार रुपये तक हो सकती है। इसलिए अगली बार जब फ्लाइट छूट जाए, तो निराश होने की बजाय, DGCA के नियमों के तहत तुरंत रिफंड के लिए कदम उठाएं.


'नो-शो' नियम के बारे में जानकारी

'नो-शो' नियम के बारे में 



  • DGCA का नियम – कुछ वैधानिक शुल्कों की वापसी का हक.

  • वैधानिक शुल्क क्या हैं? – यात्री सेवा शुल्क, हवाई अड्डा विकास शुल्क और ईंधन अधिभार.

  • रिफंड के लिए कदम – एयरलाइन से संपर्क कर क्लेम करना.

  • बेस फ़ेयर और कर/शुल्क – आधार किराया वापस नहीं, टैक्स और शुल्क वापस हो सकते हैं.

  • समय पर रद्द करना फायदेमंद – बोर्डिंग से पहले टिकट रद्द करना 'नो-शो' से बेहतर.

  • रिफंड की राशि पर निर्भरता – मार्ग और टिकट श्रेणी के अनुसार राशि भिन्न.

  • क्या पूरी रकम मिलती है? – केवल वैधानिक शुल्क वापस मिलते हैं.