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बरसात के बाद मच्छरों की संख्या में वृद्धि, डेंगू और मलेरिया का खतरा

महेंद्रगढ़ में हाल ही में हुई बारिश के बाद मच्छरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे डेंगू और मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने पंचायत से गांव में फॉगिंग कराने की मांग की है, क्योंकि पिछले प्रयास केवल औपचारिकता थे। गंदे पानी में डेंगू का लारवा पनप रहा है, और सफाई की कमी से मच्छरों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जानिए इस स्थिति पर ग्रामीणों की क्या प्रतिक्रिया है और वे क्या कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
 

ग्रामीणों की फॉगिंग की मांग


सतनाली से मिली जानकारी के अनुसार, बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बारिश के बाद उगने वाली घास और प्राकृतिक खरपतवार में मच्छरों की संख्या में वृद्धि हो गई है, जिससे ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में, ग्रामीणों ने पंचायत से गांव में फॉगिंग कराने की अपील की है। उनका कहना है कि हाल ही में पंचायत द्वारा की गई फॉगिंग केवल औपचारिकता थी। बारिश के बाद फॉगिंग न होने के कारण मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जिसमें मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया शामिल हैं।


गंदे पानी में डेंगू का लारवा

कस्बे की गलियों में सफाई की कमी और नालियों की नियमित सफाई न होने के कारण गंदे पानी में डेंगू का लारवा पनप रहा है। इसके साथ ही, सफाई की कमी के कारण मच्छरों की संख्या भी बढ़ रही है, जो बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं। ग्रामीण मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से परेशान हैं और पंचायत तथा स्वास्थ्य विभाग से सफाई व्यवस्था को सुधारने और नगर में फॉगिंग कराने की मांग कर रहे हैं। पंचायत द्वारा फॉगिंग न कराने पर ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।


डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया का खतरा

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत ने बारिश के मौसम में मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग नहीं करवाई है। इस कारण मच्छरों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। फॉगिंग की कमी के चलते गांव में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया फैलने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने पंचायत से अनुरोध किया है कि फॉगिंग कराई जाए ताकि मौसमी बीमारियों और मच्छरों के प्रकोप से राहत मिल सके।