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बरेली में 30 किलोमीटर लंबा फोरलेन रिंग रोड निर्माण, यातायात में होगा सुधार

उत्तर प्रदेश के बरेली में 30 किलोमीटर लंबा फोरलेन रिंग रोड बनने जा रहा है, जो शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार लाएगा। इस परियोजना से जाम की समस्या में कमी आएगी और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। निर्माण कार्य 30 सितंबर से शुरू होगा और मार्च 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक केवल एक हिस्सा ही वितरित किया गया है। रिंग रोड के निर्माण से नैनीताल और लखनऊ की यात्रा भी आसान हो जाएगी।
 

बरेली के लिए नया रिंग रोड


उत्तर प्रदेश (UP Road Development): बरेली के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार है। शहर में 30 किलोमीटर लंबा फोरलेन रिंग रोड बनाने की योजना है। इस परियोजना के पूरा होने से बरेली की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और जाम की समस्या से राहत मिलेगी। रिंग रोड के निर्माण से आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रा का समय भी कम होगा। इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे। जल्द ही निर्माण कार्य की विस्तृत योजना साझा की जाएगी। इस रिंग रोड के बनने से न केवल शहर के भीतर यातायात में सुधार होगा, बल्कि नैनीताल तक की यात्रा भी आसान हो जाएगी।


किसानों को मुआवजा

किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा

धंतिया से रजऊ परसपुर तक 30 किमी फोरलेन रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव है। NHAI ने मई में RP Infrastructure Private Limited के साथ अनुबंध किया था। निर्माण कार्य 30 सितंबर से शुरू होगा और मार्च 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए किसानों को 863 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है, लेकिन अब तक केवल 300 करोड़ रुपये ही वितरित किए गए हैं। निर्माण शुरू करने से पहले कार्यदायी संस्था को कम से कम एक-आठवें हिस्से का भू-भाग मिलना आवश्यक है। मुआवजा वितरण में देरी परियोजना की प्रगति में बाधा डाल सकती है।


नैनीताल और लखनऊ की ओर सीधा मार्ग

नैनीताल और लखनऊ की ओर सीधे जा सकेंगे वाहन

रिंग रोड को आधुनिक संरचनाओं के साथ बनाया जाएगा, जिसमें चार बड़े और सात छोटे पुल, चार रेल ओवरब्रिज, दो अंडरपास, दस लाइट व्हीकल अंडरपास, पांच लघु अंडरपास और तीन ट्रंपेट इंटरचेंज शामिल होंगे। परियोजना के पूरा होने पर, बदायूं से आने वाले वाहन सीधे नैनीताल और लखनऊ की ओर जा सकेंगे, जिससे शहर में प्रवेश की आवश्यकता नहीं होगी। इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा और जाम की समस्या में कमी आएगी।


परियोजना का कुल खर्च

2107.7 करोड़ रुपये परियोजना पर होंगे खर्च 

रिंग रोड परियोजना का अनुमानित मूल्य 2107.7 करोड़ रुपये है। इसमें से 824 करोड़ रुपये निर्माण कार्यों पर और 863 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे। शेष धन अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाएगा। यह परियोजना क्षेत्र के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।


प्रशासनिक बदलाव

परियोजना का प्रशासनिक ढांचा हाल ही में बदला गया है। NHAI के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया को गांधीनगर स्थानांतरित किया गया है। प्रशांत वाजपेयी को उनकी जगह कार्यवाहक परियोजना निदेशक का पद मिला है। ऐसे बदलावों से परियोजना की गति और कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है, लेकिन प्रबंधन ने काम को समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया है।