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बरेली में 'आई लव मुहम्मद' विवाद: हिंसा और गिरफ्तारी की घटनाएँ

उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर को लेकर विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें 30 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए। कानपुर से शुरू हुआ यह मामला बरेली और अन्य शहरों में फैल गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मौलाना तौकीर रजा खान को नजरबंद किया गया है, और अधिकारियों ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
 

बरेली में विवाद और हिंसा

'आई लव मुहम्मद' विवाद: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को नमाज के बाद एक पोस्टर पर 'आई लव मुहम्मद' लिखे जाने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ, जिससे हिंसा भड़क उठी। यह घटना कानपुर से शुरू हुई और बरेली, मऊ सहित अन्य शहरों में फैल गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया।


पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने हवा में गोलियां चलाईं और पथराव में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। बरेली में हुई हिंसा के संबंध में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही है।




मौलाना तौकीर रजा खान की नजरबंदी

मौलाना तौकीर रजा खान को किया नजरबंद:


इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान को नजरबंद कर दिया गया है। उनसे जल्द ही पूछताछ की जा सकती है। हिंसा के बाद, पुलिस ने पूरे शहर पर नजर रखी हुई है। स्थिति को नियंत्रित रखने और आगे की अशांति को रोकने के लिए प्रमुख चौराहों और इस्लामिया ग्राउंड के पास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।


जांच में पता चला है कि बरेली में हुई हिंसा की योजना पिछले पांच दिनों में बनाई गई थी। अधिकारी उन सभी व्यक्तियों की पहचान करने में जुटे हैं जो इस साजिश में शामिल थे। पुलिस संदिग्ध दंगाइयों के कॉल रिकॉर्ड (सीडीआर) की भी जांच कर रही है, साथ ही उन क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है, जहां हिंसा हुई थी।


दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

दंगाइयों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई:


अधिकारियों ने कहा है कि वे उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे जो इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों को प्रीवेंटिव हिरासत में लेने का अधिकार देता है।