बरेली में 'आई लव मोहम्मद' विवाद के बाद तनाव, योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी
बरेली में तनाव का माहौल
'आई लव मोहम्मद' विवाद: त्योहारों से पहले उत्तर प्रदेश में तनाव बढ़ता जा रहा है। बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया। पथराव, तोड़फोड़ और अफरातफरी के बीच पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी है कि 'दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।'
हिंसा का कारण
बरेली के इस्लामिया ग्राउंड के पास हजारों लोग इकट्ठा हुए और नारेबाजी करने लगे। देखते-ही-देखते भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया और फायरिंग की भी खबरें आईं। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में कम से कम 10 जवान घायल हुए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
विवाद की जड़
यह विरोध उस एफआईआर के खिलाफ था, जो कानपुर पुलिस ने 4 सितंबर को बारावफात जुलूस के दौरान 'आई लव मोहम्मद' बोर्ड पर दर्ज की थी। इसी के चलते मौलाना तौकीर रजा खान ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए जुलूस निकालने की अपील की थी। प्रशासन द्वारा अनुमति न मिलने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है और कई थानों में एफआईआर दर्ज की जा रही है।
योगी सरकार का कड़ा रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दशहरे से पहले किसी भी प्रकार की अफवाह या तनाव फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया और वीडियो फुटेज के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए। योगी ने यह भी कहा कि 'दशहरा बुराई के अंत का प्रतीक है, इसलिए यह सही समय है कि उपद्रवियों पर कार्रवाई हो।' इसके साथ ही, मिशन शक्ति 5.0 के तहत महिलाओं की सुरक्षा और गरबा-डांडिया जैसे आयोजनों में सख्त निगरानी रखने को कहा गया है।
नेताओं की अपील और विवाद का विस्तार
हिंसा के बाद कई धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शाहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 'पैगंबर-ए-इस्लाम का असली संदेश अमन है, इसलिए किसी को चोट पहुंचाना या कानून अपने हाथ में लेना गलत है।' वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया कि 'अगर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के जन्मदिन के पोस्टर लगाए जा सकते हैं तो 'आई लव मोहम्मद' पर आपत्ति क्यों?' बरेली से उठी यह चिंगारी अब मऊ, वाराणसी, उत्तराखंड, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र तक फैल चुकी है। कई जगह पुलिस ने जुलूस रोका और लोगों को हिरासत में लिया।