बरेली में दंगे की साजिश: मौलाना तौकीर रजा के करीबी गिरफ्तार
बरेली में दंगे की पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर जुलूस शुक्रवार को बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसक हो गया। इस मामले में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा के 77 करीबी लोगों ने इस दंगे के लिए भीड़ जुटाई थी, जिनमें नगर निगम के पांच पार्षद भी शामिल हैं। बच्चों और नाबालिगों को प्रदर्शन में शामिल करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जब दंगा भड़का, तब ये लोग मौलाना तौकीर रजा के संपर्क में थे। अब पुलिस इन सभी को मुकदमे में नामजद कर कार्रवाई की योजना बना रही है।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
पुलिस ने पहले ही स्पष्ट किया है कि जुमे की नमाज के बाद का बवाल पूरी तरह से सुनियोजित था। मौलाना तौकीर के इशारे पर कुछ लोग शहर की शांति को भंग करने के लिए सक्रिय थे। पुलिस ने ऐसे 77 लोगों की सूची तैयार की है, जो दंगे में सीधे शामिल नहीं थे, लेकिन इस उपद्रव में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। ये लोग मोहल्लों में रहकर लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे, खासकर बच्चों और नाबालिगों को आगे लाने के लिए। उनका उद्देश्य पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाना था, लेकिन अधिकारियों की सख्ती ने उनकी योजना को विफल कर दिया। अब इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
पार्षदों की गिरफ्तारी
एक पार्षद गिरफ्तार, चार बाकी
पुलिस के अनुसार, चिह्नित किए गए 77 लोगों में पांच पार्षद भी शामिल हैं। पार्षद होने के नाते, वे अपने प्रभाव का उपयोग कर लोगों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इनमें से आईएमसी के पार्षद और महानगर अध्यक्ष अनीस सकलैनी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी चार पार्षद अब पुलिस के रडार पर हैं।
मौलाना से संपर्क
व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि 21 सितंबर को प्रदर्शन की घोषणा के बाद से ये सभी आरोपी मौलाना तौकीर रजा के संपर्क में थे। पहले तो कई ने मौलाना के साथ बैठक की, लेकिन जब पुलिस का दबाव बढ़ा, तो वे व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क में रहे। इस बात की पुष्टि आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) से हो चुकी है।