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बरेली हिंसा: तौकीर रजा के दामाद मोहसिन रजा की गिरफ्तारी और प्रशासन की सख्ती

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा ने प्रशासनिक हलचल को जन्म दिया है। मौलाना तौकीर रजा के दामाद मोहसिन रजा को गिरफ्तार किया गया है, और उनके खिलाफ अवैध निर्माणों के मामले में कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी। समाजवादी पार्टी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। बरेली हिंसा अब एक बड़ा मुद्दा बन गई है, जो राज्य सरकार की नीति और प्रशासन की शक्ति को दर्शाती है।
 

बरेली में भड़की हिंसा का असर

Mohsin Raza Arrested : उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल को जन्म दिया है। आईएमसी के नेता मौलाना तौकीर रजा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, और अब उनके करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू कर दी है।


मोहसिन रजा की गिरफ्तारी

दामाद मोहसिन रजा गिरफ्तार
हिंसा के मामले में तौकीर रजा के दामाद मोहसिन रजा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। बरेली नगर निगम और बीडीए की टीम ने उनके घर और मैरिज लॉन पर कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माणों को गिराना शुरू कर दिया है। मोहसिन रजा द्वारा अवैध रूप से चलाए जा रहे ई-रिक्शा चार्जिंग सेंटर को भी सील कर दिया गया है। इसके साथ ही उनका रिसॉर्ट भी प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है.


साजिश का खुलासा

हिंसा की योजना और साजिश का खुलासा
पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह हिंसा अचानक नहीं हुई, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी। मौलाना के करीबी नदीम की पूछताछ में पता चला है कि इस हिंसा का उद्देश्य मुसलमानों का रहनुमा बनकर राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना था। एक रात पहले आईएमसी का व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय रहा और लगभग 55 लोगों से संपर्क कर 1600 से अधिक लोगों की भीड़ जुटाई गई थी, जिसने खलील स्कूल तिराहा और पिर श्यामगंज जैसे इलाकों में हिंसा को अंजाम दिया.


डॉ. नफीस की गिरफ्तारी

डॉ. नफीस को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार 
आईएमसी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. नफीस को भी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। उन पर न केवल हिंसा में शामिल होने का आरोप है, बल्कि इससे पहले उन्होंने एक इंस्पेक्टर को जान से मारने की धमकी भी दी थी। प्रशासन ने उनकी तीन दर्जन से अधिक दुकानों को सील कर दिया है। उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.


बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई

बेनामी संपत्ति पर चलेगी बुलडोजर 
तौकीर रजा और उनके सहयोगियों की अब तक करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है। इसके साथ ही प्रशासन उनकी बेनामी संपत्तियों पर भी बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। यह स्पष्ट संदेश है कि राज्य सरकार धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगी.


समाजवादी पार्टी की चिंता

समाजवादी पार्टी ने जताई चिंता
इस मामले में समाजवादी पार्टी ने भी हस्तक्षेप किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवत शरण गंगवार की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीआईजी से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका कहना है कि निर्दोष लोगों को कार्रवाई का शिकार नहीं बनना चाहिए। हालांकि, प्रशासन का रुख स्पष्ट है कि वीडियो फुटेज और सीसीटीवी के आधार पर ही गिरफ्तारी की जा रही है.


पुलिस की सख्ती और सोशल मीडिया पर निगरानी

पुलिस का सख्त रुख और सोशल मीडिया पर निगरानी
अब तक इस मामले में 10 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 62 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 29 उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है। बरेली में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है, लेकिन पुलिस सोशल मीडिया पर निगरानी बनाए हुए है ताकि कोई अफवाह फैलाने वाला बख्शा न जाए.


बरेली हिंसा का व्यापक प्रभाव

बरेली हिंसा अब केवल एक स्थानीय घटना नहीं रही, यह उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और धार्मिक उन्माद के बीच सरकार की नीति और प्रशासन की शक्ति का प्रतीक बन गई है। मौलाना तौकीर रजा और उनके करीबियों पर कड़ी कार्रवाई यह संदेश देती है कि योगी सरकार किसी भी साजिश या अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वो किसी भी धर्म या वर्ग से क्यों न जुड़ी हो.