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बलूच नेता ने ट्रंप को दी चेतावनी, कहा: तेल भंडार बलूचिस्तान के हैं

बलूच नेता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर किए जा रहे दावों को खारिज करते हुए कहा है कि ये सभी बलूचिस्तान की संपत्ति हैं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को चेतावनी दी कि उन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI ने गुमराह किया है। बलूच ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन करें।
 

बलूच नेता का बयान

नई दिल्ली: बलूच नेता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान द्वारा प्राकृतिक संसाधनों पर किए जा रहे दावों को खारिज करते हुए उन्हें “झूठा और गुमराह करने वाला” बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान जिस तेल, तांबा, लिथियम और अन्य खनिजों का जिक्र कर रहा है, वे सभी बलूचिस्तान की संपत्ति हैं, न कि पाकिस्तान की।


‘आपको गुमराह किया गया… तेल भंडार बलूचिस्तान के हैं’: पिछले गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने बयान में, मीर यार बलूच ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के तेल भंडारों के विकास में अमेरिका के सहयोग की बात की थी। बलूच नेता ने ट्रंप को चेतावनी दी कि उन्हें पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI ने “जानबूझकर गुमराह” किया है।


उन्होंने कहा, “आपका यह मानना सही है कि इस क्षेत्र में विशाल तेल और खनिज भंडार हैं, लेकिन ये संसाधन पंजाब में नहीं, बलूचिस्तान में हैं। बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक स्वतंत्र राष्ट्र ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ है, जिस पर पाकिस्तान ने 1948 में अवैध कब्जा किया।”


बलूच नेता ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना और ISI, जिन पर आतंकवादी नेटवर्कों को समर्थन देने के आरोप पहले से हैं, बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों का उपयोग वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी, “बलूचिस्तान के ट्रिलियन डॉलर के संसाधनों तक पाकिस्तान को पहुंच देना वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा होगा। इससे ISI की ताकत और फंडिंग बढ़ेगी, जो 9/11 जैसे आतंकी हमलों की पुनरावृत्ति का खतरा बढ़ा सकती है।”


मीर यार बलूच ने स्पष्ट किया कि इन संसाधनों से बलूच जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि उनका इस्तेमाल भारत और इजराइल जैसे देशों के खिलाफ जिहादी नेटवर्क फैलाने में किया जाएगा। उन्होंने अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे बलूचिस्तान की स्वतंत्रता और उसके संसाधनों पर बलूच जनता के अधिकार की वैध मांग का समर्थन करें। यह समय है कि दुनिया बलूच राष्ट्र की पीड़ा को समझे और हमारी आजादी के संघर्ष में साथ खड़ी हो।