बलूचिस्तान में आतंकवाद का समर्थन: यूएई पर गंभीर आरोप
बलूचिस्तान में आतंकवाद का बढ़ता खतरा
बलूचिस्तान में आतंकवाद का बढ़ता खतरा: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थिति लंबे समय से चिंताजनक बनी हुई है। एक पाकिस्तानी पत्रकार, रिजवान रजी, ने एक वीडियो में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें रजी ने यह दावा किया कि यूएई का यह कदम ग्वादर पोर्ट के विकास से उत्पन्न आर्थिक प्रतिस्पर्धा का परिणाम है।
रिजवान रजी ने कहा कि यूएई में "ग्वादर पोर्ट और पाकिस्तान की प्रगति से जलन" है, जिसके कारण बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका यह बयान काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि वे यूएई पर आतंकवाद को प्रोत्साहित करने का आरोप लगा रहे हैं।
ग्वादर पोर्ट का महत्व
रजी के अनुसार, ग्वादर पोर्ट के विकास से दुबई का डीप सी पोर्ट प्रभावित हो सकता है, जिससे यूएई के आर्थिक हितों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि यदि ग्वादर पोर्ट पूरी क्षमता से विकसित होता है, तो यह क्षेत्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जो यूएई के लिए खतरा बन सकता है। रजी ने यह भी कहा कि यूएई बलूचिस्तान में शांति स्थापित नहीं होने देना चाहता, क्योंकि इससे ग्वादर पोर्ट का विकास तेजी से होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यूएई बलूचिस्तान में प्रॉक्सी के माध्यम से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, ताकि पोर्ट के विकास में रुकावट डाली जा सके। रजी के अनुसार, "यदि बलूचिस्तान में शांति स्थापित होती है, तो ग्वादर जैसे पोर्ट का निर्माण होगा, जो यूएई के हितों के खिलाफ है।"
ग्वादर पोर्ट बलूचिस्तान के मकरान तट पर स्थित है। इसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) का "क्राउन ज्वेल" माना जाता है। इसका संचालन एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा है और इसे हिंद महासागर में बीजिंग की रणनीतिक मौजूदगी का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। पाकिस्तान इसे अपने देश के हित में बताता है और रोजगार के अवसरों का दावा करता है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है।