बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का विवादास्पद ऑडियो क्लिप: क्या है सच?
हसीना का ऑडियो क्लिप वायरल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस क्लिप में उन्होंने पिछले साल छात्र प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों को गोली चलाने का आदेश दिया था। यह घटना सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े प्रदर्शन के दौरान हुई, जिसमें 1,400 से अधिक लोग मारे गए। कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी थी, क्योंकि इसे मेधावी उम्मीदवारों के साथ भेदभाव करने वाला माना गया।
ऑडियो रिकॉर्डिंग का विवरण
18 जुलाई 2024 को, हसीना ने अपने आधिकारिक निवास से एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन पर कहा, "अगर जरूरत पड़े तो किसी भी हथियार का इस्तेमाल करो, जहां भी मिले गोली चलाओ।" इस आदेश के तुरंत बाद, ढाका में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया, जिन्होंने भीड़ पर सैन्य राइफलों से गोलीबारी की। पुलिस के दस्तावेजों में पांच विश्वविद्यालय क्षेत्रों और आस-पास के जिलों में हथियारों के उपयोग की पुष्टि की गई है।
प्रदर्शन का कारण
प्रदर्शन की शुरुआत तब हुई जब हसीना सरकार ने विवादास्पद कोटा नीति को बढ़ाने वाले कानून को लागू किया। छात्रों का आरोप था कि यह प्रणाली राजनीतिक और सामाजिक पक्षपात पर आधारित है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल रहे। 2018 के बाद से यह आंदोलन तेज हुआ और 2024 में इसमें देशभर के छात्र, शिक्षाविद और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हुए। सरकार की कठोर प्रतिक्रिया ने प्रदर्शन को और भी भड़काया।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 2024 के जुलाई और अगस्त में दमनकारी कार्रवाई के दौरान 1,400 से अधिक लोग मारे गए और हजारों को गिरफ्तार किया गया। इस हिंसा की स्वतंत्र जांच के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मांग की है।
हसीना का भारत में शरण
विरोध के बीच, और अपनी पार्टी के सांसदों के समर्थन को खोने के बाद, शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को भारत चली गईं। तब से वह दिल्ली में हैं, जहां से वह मामले से जुड़ी राजनीतिक और कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ढाका के अधिकारी इसे "सामूहिक राजनीतिक पलायन" बता रहे हैं।
हसीना का बचाव
जनवरी में दिल्ली से दिए गए बयान में, हसीना ने किसी भी हत्या के आदेश से इनकार किया और सुरक्षा बलों की कार्रवाई को "व्यवस्था बहाल करने के लिए वैध" बताया। हालांकि, अभियोजन पक्ष का कहना है कि वायरल ऑडियो टेप उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में प्राथमिक सबूत होगा। ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार वकील टोबी कैडमैन ने कहा कि रिकॉर्डिंग प्रमाणित और अन्य साक्ष्यों के साथ मेल खाती है, जो सीधे हसीना के आदेश को दर्शाती है।
अवामी लीग की प्रतिक्रिया
अवामी लीग ने इस ऑडियो को 'चुनिंदा संपादित' बताया और गैरकानूनी हिंसा से इनकार किया, लेकिन पूरी ऑडियो रिलीज़ नहीं की और अदालत में इसकी प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठाया। न्यायाधिकरण की कार्यवाही जुलाई के अंत में शुरू होने की संभावना है, जिससे भारत पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करे।