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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा, राजनीतिक हलचल तेज

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। यह निर्णय न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हसीना वर्तमान में भारत में शरण लिए हुए हैं। फैसले के बाद बांग्लादेश में व्यापक प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश के NSA खलीलुर रहमान की अचानक दिल्ली यात्रा भी इस स्थिति को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है। जानें इस जटिल राजनीतिक परिदृश्य के बारे में अधिक जानकारी।
 

बांग्लादेश में शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा


नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 17 नवंबर 2025 को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा मौत की सजा सुनाई गई है। यह सजा 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में दी गई है।


शेख हसीना वर्तमान में भारत में शरण लिए हुए हैं, इसलिए यह निर्णय कानूनी के साथ-साथ राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसी बीच, बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच गए हैं।


शेख हसीना को मौत की सजा का कारण

ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को पांच अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया है।



  • मुख्य आरोप यह है कि 2024 के छात्र आंदोलन को दबाने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस और सुरक्षाबलों को गोली चलाने का आदेश दिया था।

  • कुछ मामलों में उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई है।

  • हसीना के समर्थक इसे मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का “राजनीतिक प्रतिशोध” मानते हैं।

  • वहीं, यूनुस सरकार और आंदोलनकारी इसे “न्याय की जीत” के रूप में देख रहे हैं।


बांग्लादेश में प्रदर्शन और हिंसा

फैसले के बाद ढाका सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। आवामी लीग के कार्यकर्ता और शेख हसीना के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं। लोग मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। स्थिति पिछले साल के तख्तापलट के समय जैसी होती दिख रही है।


बांग्लादेशी NSA का अचानक दिल्ली पहुंचना

खलीलुर रहमान आधिकारिक रूप से कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की सातवीं बैठक में भाग लेने भारत आए हैं, जो 19-20 नवंबर को दिल्ली में आयोजित होगी। इस बैठक में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस के NSA शामिल होंगे। लेकिन वह तय कार्यक्रम से एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंचे हैं।


जल्दबाजी के पीछे का कारण

इसकी आधिकारिक वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में चर्चा है कि शेख हसीना की सजा का मुद्दा इस जल्दबाजी का एक बड़ा कारण हो सकता है। संभव है कि बांग्लादेश सरकार भारत से यह आश्वासन चाहती हो कि वह हसीना को प्रत्यर्पित नहीं करेगा, या फिर दोनों देश इस तनाव को कम करने के लिए कोई समाधान निकालना चाहते हों।