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बांग्लादेश के पूर्व जनरल का विवादास्पद बयान: भारत के टुकड़े होने तक शांति संभव नहीं

बांग्लादेश के रिटायर्ड आर्मी ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान ने एक विवादास्पद बयान में कहा है कि जब तक भारत के टुकड़े नहीं होते, तब तक बांग्लादेश में शांति संभव नहीं है। यह बयान ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया और इसके पीछे भारत के खिलाफ बढ़ती भावनाओं का संदर्भ है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दे रही है।
 

बांग्लादेश में भारत विरोधी बयान

ढाका: भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच, बांग्लादेश के रिटायर्ड आर्मी ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने एक अत्यंत विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक भारत के टुकड़े नहीं होते, तब तक बांग्लादेश में शांति स्थापित नहीं हो सकती।


यह बयान ढाका के नेशनल प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया। आजमी, जो जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख गुलाम आजम के बेटे हैं, ने भारत के खिलाफ अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "भारत हमेशा बांग्लादेश में अशांति का कारण बनता है। जब तक भारत कई टुकड़ों में नहीं बंटता, तब तक हमारे देश में शांति नहीं आएगी।"


सोशल मीडिया पर भारत विरोधी गतिविधियों के लिए जाने जाने वाले आजमी ने ऐतिहासिक मुद्दों पर भी भारत को निशाना बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने 1975 से 1996 के बीच चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में अशांति फैलाई थी।


पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा, "शेख मुजीबुर रहमान की सरकार के दौरान 'पर्वतीय चटगांव जन संहति समिति' (PCJSS) का गठन हुआ था, जिसकी सशस्त्र शाखा 'शांति वाहिनी' थी। भारत ने इन विद्रोहियों को पनाह दी, उन्हें हथियार और प्रशिक्षण दिया, जिससे पहाड़ियों में दशकों तक खून-खराबा हुआ।"


अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का पारिवारिक इतिहास भी भारत विरोध और कट्टरपंथ से जुड़ा हुआ है। उनके पिता गुलाम आजम पर 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हिंदुओं और मुक्ति समर्थक बंगालियों के नरसंहार का आरोप था।


यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भारत विरोधी भावनाएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वहां की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस की चुप्पी के कारण कट्टरपंथी ताकतें सक्रिय हो गई हैं और वे लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं।