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बांग्लादेश ने जाकिर नाइक के आगमन पर लगाया रोक, भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का असर

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में वांछित कट्टरपंथी उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक के बांग्लादेश में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह निर्णय भारत सरकार की कड़ी आपत्ति के बाद लिया गया है। बैठक में नाइक की संभावित यात्रा से उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की गई। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और जाकिर नाइक का परिचय।
 

बांग्लादेश सरकार का नया निर्णय


बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में वांछित कट्टरपंथी उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक के संबंध में अपना रुख बदल दिया है। प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया कि नाइक को फिलहाल बांग्लादेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।


बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदु

यह निर्णय गृह मंत्रालय के सचिवालय में आयोजित 'लॉ एंड ऑर्डर कोर कमेटी' की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जाहिद आलम चौधरी ने की। बैठक में नाइक की संभावित यात्रा से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों और राजनीतिक परिणामों पर गहन चर्चा की गई।


भारत की कड़ी आपत्ति का प्रभाव

कुछ दिन पहले तक यह जानकारी थी कि बांग्लादेश सरकार जाकिर नाइक का स्वागत करने की योजना बना रही थी। 'स्पार्क इवेंट मैनेजमेंट कंपनी' ने सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि नाइक 28 और 29 नवंबर को ढाका में कार्यक्रम आयोजित करेंगे। कंपनी का दावा था कि उन्हें सरकार से अनुमति प्राप्त है।


हालांकि, भारत सरकार की कड़ी आपत्ति के बाद यूनुस सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यदि नाइक ढाका पहुंचते हैं, तो भारत उनके प्रत्यर्पण की मांग करेगा। इसके बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि कोई भी देश फरार या वांछित व्यक्ति को शरण नहीं दे सकता।


सुरक्षा चिंताएँ

प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र 'प्रथम आलो' के अनुसार, बैठक में यह चिंता व्यक्त की गई कि यदि नाइक देश में प्रवेश करते हैं, तो उनके कार्यक्रमों में भारी भीड़ आ सकती है, जिससे सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की संभावना है। प्रशासन का मानना है कि मौजूदा हालात में इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था करना संभव नहीं होगा।


जाकिर नाइक का परिचय

जाकिर नाइक भारत में कई मामलों में वांछित हैं। उन पर भड़काऊ भाषण देने, धार्मिक नफरत फैलाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता देने के आरोप हैं। भारत सरकार ने पहले ही उनके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। 2016 से नाइक मलेशिया में शरण लिए हुए हैं, जहां से वे धार्मिक प्रवचन जारी रखते हैं।


बांग्लादेश सरकार का यह ताज़ा निर्णय भारत की कूटनीतिक सफलता और क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।