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बांग्लादेश प्रीमियर लीग में सहायक कोच महबूब अली जाकी का निधन

बांग्लादेश प्रीमियर लीग में सहायक कोच महबूब अली जाकी का निधन एक दुखद घटना है। सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मैच से पहले अचानक गिरने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जाकी की उम्र 59 वर्ष थी और उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उनके निधन पर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
 

दिल दहलाने वाली घटना

नई दिल्ली। बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) के एक मैच से पहले शनिवार को एक दुखद घटना घटी। ढाका कैपिटल्स के सहायक कोच महबूब अली जाकी (Assistant Coach Mehboob Ali Zaki) का निधन सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (Sylhet International Cricket Stadium) में अचानक गिरने के कारण हुआ। जाकी अपनी टीम राजशाही वॉरियर्स (Rajshahi Warriors) के खिलाफ उद्घाटन मैच से कुछ ही मिनट पहले मैदान पर गिर पड़े।



टीम के स्टाफ और मेडिकल टीम ने तुरंत उन्हें कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) दिया और फिर एंबुलेंस से अल हरामाइन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बीसीबी के मुख्य चिकित्सक देबाशीष चौधरी (BCB Chief Physician Debashish Chowdhury) ने उनके निधन की पुष्टि की।


स्वास्थ्य में कोई समस्या नहीं थी

इस अप्रत्याशित घटना से स्टेडियम में उपस्थित सभी लोग चकित रह गए। ढाका टीम के अधिकारियों ने बताया कि जाकी ने घटना से पहले किसी भी स्वास्थ्य समस्या की शिकायत नहीं की थी। जैसे ही जाकी के गिरने की खबर फैली, बीपीएल की कई टीमों के खिलाड़ी सिलहट के अस्पताल पहुंचे।


सिलहट टाइटन्स, नोआखाली एक्सप्रेस और चट्टोग्राम रॉयल्स के खिलाड़ी भी उन लोगों में शामिल थे जो अल हरामाइन अस्पताल पहुंचे। जाकी उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने 2016 टी20 वर्ल्ड कप (भारत) के दौरान तस्कीन अहमद के बॉलिंग एक्शन पर उठे सवालों के बाद उनके साथ काम किया था।


बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड का बयान

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बीसीबी गेम डेवलपमेंट के स्पेशलिस्ट पेस बॉलिंग कोच महबूब अली जाकी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। उनका निधन आज सिलहट में हुआ। उनकी उम्र 59 वर्ष थी। एक पूर्व तेज़ गेंदबाज़, जाकी ने नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप में कोमिला ज़िला का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने ढाका प्रीमियर डिविजन क्रिकेट लीग में भी हिस्सा लिया और आबाहनी तथा धानमंडी जैसे शीर्ष क्लबों के लिए खेला। अपने खेल करियर के बाद महबूब अली जाकी ने कोचिंग और खिलाड़ी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 2008 में बीसीबी के साथ हाई परफॉर्मेंस कोच के रूप में जुड़कर देश में तेज़ गेंदबाज़ी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।