बांग्लादेश बैंक ने विवादास्पद ड्रेस कोड को किया रद्द
ड्रेस कोड का विवाद
बांग्लादेश ड्रेस कोड: बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने अपने मानव संसाधन विभाग द्वारा कर्मचारियों, विशेषकर महिलाओं, को 'विनम्र और पेशेवर' कपड़े पहनने के लिए निर्देश देने के तीन दिन बाद, इस विवादास्पद ड्रेस कोड को रद्द कर दिया है।
निर्देश का रद्द होना
बांग्लादेश बैंक के मानव संसाधन विभाग ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने कहा, “इस निर्देश को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।”
अधिकारी के अनुसार, बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अहसान एच. मंसूर, जो वर्तमान में विदेश यात्रा पर हैं, ने मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिलने पर तुरंत निर्देश को वापस लेने का आदेश दिया।
बैंक का बयान
आरिफ हुसैन खान ने बताया कि यह निर्णय संबंधित विभागीय बैठकों में लिया गया था ताकि सभी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को सामाजिक मानदंडों के अनुसार पेशेवर और सुरुचिपूर्ण कपड़े पहनने की सलाह दी जा सके।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई आधिकारिक नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया था और न ही कोई परिपत्र जारी किया गया था। खान ने स्वीकार किया कि इस निर्णय से गवर्नर नाराज़ हो गए थे और उनके निर्देशानुसार इसे रद्द कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस आदेश का विरोध करते हुए, एक यूज़र ने लिखा कि इस्लामी एजेंडे के तहत, बांग्लादेश बैंक ने महिला अधिकारियों को छोटे बाजू के कपड़े और लेगिंग न पहनने का निर्देश दिया है। वहीं, गवर्नर की बेटी अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहनती हैं।
कुछ लोगों ने इस आदेश की तुलना अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आदेशों से की, जिसमें महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक कपड़े पहनने का निर्देश दिया गया है। एक यूज़र ने ट्वीट किया, “नए तालिबान युग में एक सतर्क तानाशाह का शासन।”
बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों का बढ़ता प्रभाव
गौरतलब है कि हाल के महीनों में बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों का प्रभाव बढ़ा है। तालिबानी विचारधारा का असर भी यहाँ बढ़ रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में इस्लामी विचारधारा का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि युवा अब तालिबान और टीटीपी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।