बांग्लादेश में छात्रों के विरोध के बीच प्रधानमंत्री हसीना पर गंभीर आरोप
बांग्लादेश में उथल-पुथल
बांग्लादेश इस समय गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। छात्रों के नेतृत्व में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना पर एक विवादास्पद आरोप लगाया गया है। स्वीडन स्थित एक खोजी पत्रकारिता प्लेटफॉर्म 'नेत्रा न्यूज' ने एक ऑडियो क्लिप जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों को 'देखते ही गोली मारने' का आदेश दिया है। इस ऑडियो के प्रकाश में आने के बाद बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है और सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।ऑडियो क्लिप का विवरण
नेत्रा न्यूज के अनुसार, यह ऑडियो क्लिप प्रधानमंत्री शेख हसीना की आवाज़ में है। इसमें वह सुरक्षा बलों को निर्देश देती सुनाई दे रही हैं कि प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाएं। इस आदेश के बाद मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यदि यह सच है, तो यह बांग्लादेश में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होगा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सरकार इस आदेश को लागू करने के लिए 'आवामी लीग' की छात्र शाखा 'बांग्लादेश छात्र लीग' का सहारा ले रही है।
विरोध प्रदर्शनों का कारण
ये विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों में कोटा सुधारों और हाल ही में छात्रों पर हुए हमलों के खिलाफ शुरू हुए हैं। प्रदर्शनकारी बांग्लादेश छात्र लीग और पुलिस द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहे हैं। ढाका विश्वविद्यालय के परिसर, विशेषकर जगन्नाथ हॉल में, छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच कई हिंसक झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें कई छात्र घायल हुए हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को कक्षाएं और हॉस्टल अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
सरकार का प्रतिक्रिया
बांग्लादेश सरकार ने इस ऑडियो क्लिप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इसे 'फर्जी और मनगढ़ंत' बताते हुए, सरकार ने इसे विपक्ष की एक साजिश करार दिया है। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सरकार को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और सच्चाई को उजागर करना चाहिए। उनका आरोप है कि बांग्लादेश में राजनीतिक असंतोष को दबाने के लिए अक्सर दमनकारी नीतियों का सहारा लिया जाता है।
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब बांग्लादेश पहले से ही बढ़ती हिंसा और राजनीतिक तनाव का सामना कर रहा है। इस कथित ऑडियो ने सरकार की विश्वसनीयता पर और सवाल खड़े कर दिए हैं और आने वाले दिनों में देश की राजनीति में और उथल-पुथल ला सकता है।