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बांग्लादेश में भूकंप के झटके: क्या है इसका असर भारत के पूर्वोत्तर पर?

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पास आए 5.5 तीव्रता के भूकंप ने न केवल स्थानीय निवासियों को प्रभावित किया, बल्कि पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नरसिंगडी में था, जिसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी। कोलकाता और अन्य शहरों में भी हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबरा गए। जानें इस भूकंप के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
 

भूकंप का प्रभाव और केंद्र


नई दिल्ली: शुक्रवार की सुबह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट आए भूकंप ने न केवल स्थानीय निवासियों को प्रभावित किया, बल्कि पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में भी इसका अनुभव किया गया। भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया और कई लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।


भूकंप का केंद्र और गहराई

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र ढाका से लगभग 50 किलोमीटर दूर नरसिंगडी क्षेत्र में था। इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी, जिससे यह एक उथला और प्रभावी भूकंप बन गया। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि कम गहराई वाले भूकंप अधिक व्यापक झटके उत्पन्न करते हैं और आस-पास के क्षेत्रों में तेजी से महसूस किए जाते हैं।


भूकंप के झटके आते ही ढाका और उसके आसपास के लोग घबराकर इमारतों से बाहर निकल आए। कुछ स्थानों पर हल्की दरारें आने की सूचना मिली है, लेकिन अभी तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की खबर नहीं आई है।


कोलकाता में भी महसूस हुए झटके

भारत के कोलकाता में सुबह लगभग 10:10 बजे अचानक इमारतों में कंपन महसूस किया गया। कई लोगों ने बताया कि झटके हल्के थे, लेकिन कुछ सेकंड तक लगातार महसूस हुए, जिससे ऊँची इमारतों में रहने वाले लोग घबरा गए।


कोलकाता के अलावा कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर और उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में भी कंपन के अनुभव की सूचना मिली। कार्यालयों, स्कूलों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में मौजूद लोग तुरंत खुले स्थानों में आ गए। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।


पूर्वोत्तर भारत में भी भूकंप के झटके

भूकंप का प्रभाव केवल पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं रहा। गुवाहाटी, अगरतला, शिलांग और तूरा जैसे पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख शहरों में भी हल्के कंपन महसूस किए गए। गुवाहाटी में कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप की जानकारी साझा की, जबकि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में कुछ स्थानों पर लोग सड़कों पर निकल आए।


मेघालय के शिलांग में भी इमारतों में हल्का कंपन देखा गया। वहां के निवासियों ने बताया कि कंपन कुछ ही क्षण का था, लेकिन अचानक आने के कारण लोगों में घबराहट फैल गई।


भूकंपों का कारण

पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश का क्षेत्र इंडो-बर्मा सिस्मिक बेल्ट में आता है, जिसे एशिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक माना जाता है। भारतीय प्लेट और बर्मा प्लेट के टकराव के कारण इस इलाके में लगातार भूगर्भीय गतिविधियां होती रहती हैं, जिसके चलते यहां छोटे-बड़े भूकंप आना आम बात है।


विशेषज्ञों के अनुसार, 5.5 तीव्रता का भूकंप क्षेत्र के लिए मध्यम श्रेणी का माना जाता है, लेकिन इसकी उथली गहराई इसे अधिक व्यापक क्षेत्र में महसूस कराती है।