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बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा का सिलसिला जारी, एक और युवक की हत्या

बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक और हिंदू युवक, अमृत मंडल, की हत्या कर दी गई है। इस घटना के बाद भारत में प्रदर्शन हो रहे हैं। अमृत मंडल पर जबरन वसूली का आरोप था, जबकि इससे पहले दीपू चंद्र दास की हत्या भी धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में की गई थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं।
 

बांग्लादेश में हिंसा का नया मामला

नई दिल्ली। बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंदू विरोधी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शेख हसीना के विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद, एक और हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। यह घटना राजबाड़ी जिले के हुसैनडांगा गांव में बुधवार रात हुई, जिसकी जानकारी गुरुवार को मिली। इससे पहले, एक अन्य हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भी बर्बरता से हत्या की गई थी, जिसे पेड़ पर लटका कर आग लगा दिया गया था.


भारत में प्रदर्शन और हत्या की जानकारी

इस घटना के बाद भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस ने बताया कि भीड़ द्वारा मारे गए युवक का नाम अमृत मंडल उर्फ सम्राट है, जिसकी उम्र 29 वर्ष थी। पुलिस के अनुसार, अमृत मंडल को जबरन वसूली के आरोप में भीड़ ने मार डाला। इस मामले में उसके साथी मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से दो हथियार बरामद हुए हैं। पुलिस ने बताया कि मंडल के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं, जिनमें एक हत्या का मामला भी शामिल है.


अमृत मंडल की आपराधिक पृष्ठभूमि

ढाका के एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, अमृत मंडल एक आपराधिक गिरोह का संचालन करता था और लंबे समय से जबरन वसूली तथा अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलग्न था। कहा जा रहा है कि वह भारत में लंबे समय तक छिपा रहा और हाल ही में अपने गांव लौटा था। कथित तौर पर, उसने गांव के निवासी शाहिदुल इस्लाम से वसूली की रकम मांगी थी। 24 दिसंबर की रात, सम्राट और उसके साथी शाहिदुल के घर पैसे लेने गए थे, जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला.


दीपू चंद्र दास की हत्या का संदर्भ

हालांकि, इस मामले की सच्चाई अभी भी स्पष्ट नहीं है। 18 दिसंबर की रात, हिंसक प्रदर्शनकारियों के हमले में मारे गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया था। कहा गया था कि उसने फेसबुक पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी, लेकिन जांच में ऐसी किसी टिप्पणी के सबूत नहीं मिले हैं। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर ने बताया कि दास द्वारा फेसबुक पर ऐसी कोई टिप्पणी करने का कोई प्रमाण नहीं मिला है.