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बागपत में प्रेम कहानी का दुखद अंत: मिस्ड कॉल से शुरू हुआ प्यार, गोली और फंदे पर खत्म

बागपत जिले में एक प्रेम कहानी का अंत बेहद दुखद तरीके से हुआ। दो साल पहले एक मिस्ड कॉल से शुरू हुआ यह प्यार अब हत्या और आत्महत्या में बदल गया। सतनाम और गुड्डन के बीच बढ़ती भावनाओं के बावजूद परिवारों के विरोध ने इस रिश्ते को संकट में डाल दिया। जानें कैसे एक साधारण बातचीत ने इस त्रासदी को जन्म दिया।
 

बागपत की प्रेम कहानी का अंत


बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत स्थित महावतपुर बावली गांव में सतनाम और गुड्डन के बीच दो साल पहले एक मिस्ड कॉल से शुरू हुआ प्रेम संबंध अब एक दुखद घटना में बदल गया। यह मिस्ड कॉल धीरे-धीरे बातचीत में तब्दील हुई, जो अंततः एक प्रेम कहानी में बदल गई, लेकिन यह कहानी एक गोली और फंदे के साथ समाप्त हो गई। सतनाम के परिवार में उसके पिता कृष्णपाल, माता सुषमा, और उसके पांच भाई और तीन बहनें शामिल हैं। इनमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है, और बाकी परिवार के सदस्य पिछले 15 वर्षों से पंजाब के जालंधर में एक ईंट भट्ठे पर काम कर रहे हैं। गांव में उनका घर हमेशा बंद रहता है, और केवल जब परिवार का कोई सदस्य वहां आता है, तब ही ताला खोला जाता है।


गुड्डन के पिता बड़ौत कोतवाली में चौकीदार हैं, जबकि उसकी मां राजकली घरेलू और खेत के काम में व्यस्त रहती हैं। गुड्डन का एक भाई बिजली विभाग में काम करता है और उसकी तीन बहनें भी हैं। दोनों के घर एक-दूसरे से लगभग 70 मीटर की दूरी पर हैं, जिससे उनकी पहचान तो थी, लेकिन बातचीत नहीं होती थी। दो साल पहले एक मिस्ड कॉल ने उनकी बातचीत की शुरुआत की। सतनाम के फोन से मिस्ड कॉल आने के बाद, दोनों के बीच बातचीत होने लगी।


जैसे-जैसे दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ा, उनके परिवारों को इस रिश्ते के बारे में पता चला और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। परिवार के विरोध के कारण गुड्डन ने हाल ही में सतनाम से बातचीत कम कर दी थी, जिससे दोनों के बीच विवाद उत्पन्न होने लगा। सतनाम इस तनाव से परेशान होकर एक सप्ताह पहले पंजाब से गांव आया और कहा कि वह मकान की सफाई करके वापस लौटेगा। लेकिन यहां आने के बाद विवाद बढ़ता गया, और अंततः एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई यह प्रेम कहानी गुड्डन की हत्या और सतनाम की आत्महत्या के साथ समाप्त हो गई।