बिहार कांग्रेस का एआई वीडियो: पीएम मोदी की मां पर विवाद बढ़ा
बिहार कांग्रेस का एआई वीडियो विवाद
बिहार कांग्रेस एआई वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में बिहार कांग्रेस ने पीएम मोदी की मां हीराबेन पर आधारित एक एआई जनरेटेड वीडियो जारी किया है, जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस वीडियो में पीएम मोदी और उनकी मां के बीच नोटबंदी और बिहार की राजनीति जैसे मुद्दों पर बातचीत दिखाई गई है। इसे 10 सितंबर को सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसमें कैप्शन था, 'साहब के सपनों में आई मां'।
भाजपा ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह प्रधानमंत्री की मां का अपमान कर रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह केवल मोदी की मां का अपमान नहीं, बल्कि मातृशक्ति और महिलाओं का भी अपमान है। भाजपा प्रवक्ता शहनाज पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस को पीएम की मां को अपमानित करने पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने झूठ बोलकर आरोपी का बचाव किया और अब इस वीडियो के जरिए सारी सीमाएं पार कर दी हैं।
बीजेपी नेताओं का आरोप
भाजपा के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस बार-बार महिलाओं का अपमान कर रही है और हीराबेन के नाम पर राजनीति करके अपनी सोच को उजागर कर रही है। भाजपा ने यह भी कहा कि इस तरह के वीडियो बनाना भारतीय संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है।
जेडीयू ने कांग्रेस को घेरा
इस विवाद पर जेडीयू ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जब किसी पार्टी को अपनी हार निश्चित दिखाई देती है, तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। कांग्रेस द्वारा बनाया गया यह वीडियो उसी हताशा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस ने मंच से पीएम की माताजी को लेकर अपमानजनक बातें कीं और अब इस वीडियो के जरिए उनका घोर अपमान किया गया है।
सरकार की नीतियों पर सवाल
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब बिहार की राजनीति पहले से ही लोकसभा चुनावों और अन्य मुद्दों को लेकर गर्म है। कांग्रेस केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही है, जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दल कांग्रेस पर परिवारवाद और अपमानजनक राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
एआई तकनीक का उपयोग
एआई तकनीक का उपयोग कर बनाए गए इस वीडियो ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने इस तकनीक का गलत इस्तेमाल कर भारतीय समाज की परंपराओं का मजाक उड़ाया है। वहीं, कांग्रेस ने इस पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है। विवाद बढ़ने के साथ यह मुद्दा अब चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण हथियार बनता दिखाई दे रहा है।