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बिहार के सरकारी अस्पतालों में इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को हो रही परेशानी

बिहार के सरकारी अस्पतालों में इंटर्न डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे ओपीडी सेवाएं ठप हो गई हैं। मरीजों को इलाज के बिना लौटना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सहमति नहीं बनी है।
 

इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल का असर

पटना, बिहार: राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में इंटर्न डॉक्टरों ने दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल में पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) जैसे प्रमुख अस्पताल शामिल हैं। इसके चलते सोमवार से ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।



इंटर्न डॉक्टरों ने अपनी कई मांगों को लेकर यह हड़ताल की है, जिसमें समय पर स्टाइपेंड का भुगतान, बेहतर कार्य परिस्थितियों की उपलब्धता और भविष्य की नौकरी के लिए ठोस आश्वासन शामिल हैं। उनका कहना है कि वे लंबे समय से इन मुद्दों को उठाते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, आपातकालीन सेवाएं चालू रखी गई हैं, लेकिन ओपीडी बंद रहने के कारण सैकड़ों मरीज बिना इलाज लौटने को मजबूर हुए। सुबह से ही कई अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें देखने को मिलीं, और मरीज निराश होकर वापस लौट गए।


इंटर्न डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों पर दो दिन के भीतर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा देंगे। उनका कहना है कि यह आंदोलन केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं है, बल्कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करने के लिए भी है।


इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की है कि वे मरीजों की समस्याओं को देखते हुए काम पर लौटें। विभाग ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। हालांकि, अभी तक दोनों पक्षों के बीच कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है।