बिहार के सीवान में तिहरे हत्याकांड ने मचाई सनसनी, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल
बिहार में तिहरे हत्याकांड का मामला
राष्ट्रीय समाचार: बिहार के सीवान जिले में एक तिहरे हत्याकांड ने व्यापक दहशत और आक्रोश पैदा कर दिया है। यह घटना भगवानपुर के मलमलिया गांव में हुई, जहां दो स्थानीय समूहों के बीच हिंसक झड़प के दौरान तीन लोगों की हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने हत्याओं के पीछे मुख्य संदिग्ध शत्रुधन सिंह का नाम लिया है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि इसका मकसद अवैध शराब के कारोबार और पुलिस को ऑपरेशन के बारे में सूचना देने में पीड़ितों की कथित भूमिका से जुड़ा है। हमले की क्रूर प्रकृति और संगठित अपराध से इसके संबंध ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
पुलिस की चेतावनी की अनदेखी
हत्याओं से दस दिन पहले स्थानीय पुलिस को कथित तौर पर शत्रुधन सिंह के शराब तस्करी में शामिल होने की सूचना मिली थी। हालांकि, देरी से की गई कार्रवाई ने उसे सक्रिय रहने और कथित तौर पर जानलेवा हमला करने का मौका दिया। पुलिस की निष्क्रियता ने लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है, कई लोगों ने समय पर कार्रवाई न करने के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया है। हत्याओं के मद्देनजर, अधिकारियों ने सख्त कानूनी कदम उठाने का वादा किया है और फरार संदिग्ध की तत्काल तलाश शुरू कर दी है।
ओवरब्रिज पर हुआ संघर्ष
यह टकराव मलमलिया ओवरब्रिज पर हुआ, जहां गुरुवार शाम को दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुष्टि की कि घटना के दौरान गोलीबारी और तलवारबाजी दोनों हुई। अचानक भड़की हिंसा में तीन लोगों की तत्काल मौत हो गई - जिनकी पहचान मुन्ना सिंह, कन्हैया कुमार और रोहित कुमार के रूप में हुई। दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें सीवान सदर अस्पताल ले जाया गया। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि अवैध शराब के कारोबार में मुखबिरी को लेकर बदला लिया गया था।
मुखबिरी का प्रतिशोध
भगवानपुर एसएचओ के अनुसार, यह हमला शराब के धंधे के बारे में अधिकारियों को सूचना देने वालों के खिलाफ प्रतिशोध था। बंदूकों और तलवारों से लैस एक गुट ने दूसरे गुट पर मुखबिरी का आरोप लगाते हुए घात लगाकर हमला किया। तनाव कम करने के प्रयासों के बावजूद, टकराव पूरी तरह से खूनी संघर्ष में बदल गया। हमले के बाद तनाव बढ़ गया - वाहनों को आग लगा दी गई और दुकानें बंद कर दी गईं। अधिकारियों को क्षेत्र को स्थिर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और अतिरिक्त बलों को तैनात करना पड़ा।
पुलिस का बयान
सीवान के एसपी मनोज तिवारी ने कहा कि हत्याएं पुरानी व्यक्तिगत रंजिश के कारण हुई हैं। उन्होंने माना कि पिछले विवादों ने, जो संभवतः हाल ही में मुखबिरों की गतिविधियों के कारण फिर से भड़क गए थे, इसमें अहम भूमिका निभाई। पीड़ितों के रिश्तेदारों ने बताया कि एक महीने पहले अवैध शराब की बिक्री का विरोध करने पर तीखी बहस हुई थी। पहले हस्तक्षेप के बावजूद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप गुरुवार को खूनी संघर्ष हुआ।
हिंसा की भयावहता
हिंसा को भयावह बताया गया। तलवारों और आग्नेयास्त्रों से शुरुआती हमले के बाद, हमलावरों ने कथित तौर पर पीड़ितों को एक वाहन से कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटनास्थल से मिली तस्वीरों में सड़क पर बिखरे हुए शव दिखाई दे रहे थे। एसपी तिवारी और एसडीपीओ तुरंत मौके पर पहुंचे और मौके का मुआयना किया। क्रूरता को देखते हुए, आगे की स्थिति को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
सीवान में तनाव की स्थिति
पूरे इलाके में तनाव अभी भी बरकरार है। न्याय और त्वरित गिरफ्तारी की मांग करते हुए आस-पास के गांवों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने गश्त और निगरानी बढ़ा दी है। इस बीच, विपक्षी नेताओं ने बढ़ते अपराध और शराब की तस्करी पर लगाम लगाने में विफल रहने के लिए नीतीश कुमार सरकार की आलोचना की है। इस तिहरे हत्याकांड ने बिहार में शराबबंदी के क्रियान्वयन और पुलिस की जवाबदेही पर बहस को फिर से हवा दे दी है।