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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव के काफिले पर AIMIM कार्यकर्ताओं का हमला

बिहार चुनाव 2025 के दौरान तेजस्वी यादव की यात्रा में AIMIM कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई, जिसमें नेता अख्तर शहंशाह गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब कार्यकर्ता अपनी पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की मांग कर रहे थे। तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मुसलमानों का राजनीतिक लाभ उठाया और किसी भी कार्यकर्ता से संवाद नहीं किया। इस घटना ने बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है।
 

बिहार में तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान विवाद

Bihar Elections 2025: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में एक अप्रत्याशित घटना घटित हुई है। तेजस्वी यादव के काफिले और AIMIM के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जिसमें AIMIM के नेता अख्तर शहंशाह गंभीर रूप से घायल हो गए।


यह घटना सहरसा से समस्तीपुर की ओर जाते समय तेजस्वी यादव के काफिले के स्वागत के दौरान हुई। AIMIM कार्यकर्ता अपनी पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की मांग कर रहे थे, जिससे दोनों पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ।


AIMIM कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन

सूत्रों के अनुसार, जब तेजस्वी यादव का काफिला बिरौल कोठी पुल के निकट पहुंचा, तो AIMIM कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सुरक्षाकर्मियों को काफिले को भीड़ से निकालने में कठिनाई हुई, जिसके परिणामस्वरूप नेता अख्तर शहंशाह को गंभीर चोट आई।


अख्तर शहंशाह को गंभीर चोट

जानकारी के अनुसार, शहंशाह को दाहिने पैर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें तुरंत बिरौल अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर किया गया। घायल अख्तर शहंशाह ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि वे मुसलमानों का केवल राजनीतिक लाभ उठाते हैं और उनकी यात्रा के दौरान कोई संवाद नहीं किया।


तेजस्वी यादव के बैनर का विरोध

शहंशाह ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव बिना रुके काफिले से आगे बढ़ गए और किसी भी कार्यकर्ता से मुलाकात नहीं की। इस घटना के बाद नाराज AIMIM कार्यकर्ताओं ने बिरौल के कोठी पुल के पास सड़क जाम कर दी और तेजस्वी यादव के बैनर-पोस्टर फाड़ दिए।


घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया। यह घटना बिहार की राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर सकती है, जो दोनों दलों के बीच तनाव को बढ़ा सकती है।