बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन पर सपा नेता की तीखी प्रतिक्रिया
सपा नेता एसटी हसन का आरोप
मुरादाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन का मुद्दा गरमाता जा रहा है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद एसटी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की तुलना भाजपा कार्यकर्ताओं से करते हुए कहा कि आयोग भाजपा के लिए सरकार बनाने में मदद कर रहा है।
बिहार में मतदाता सूची के संशोधन पर चर्चा करते हुए एसटी हसन ने कहा, "चुनाव आयोग सरकार के पक्ष में काम कर रहा है। वे एक महीने के भीतर सभी संशोधन कर देंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि आधार कार्ड, जिसकी हर जगह आवश्यकता होती है, यहां स्वीकार नहीं किया जाता। आधार कार्ड के आधार पर जो दस्तावेज बनते हैं, वही मान्य होते हैं। यह किस प्रकार का न्याय है?"
उन्होंने आगे कहा, "आधार कार्ड के आधार पर ही अन्य दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और राशन कार्ड बनते हैं, जो मान्य होते हैं। लेकिन जिन लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, वे कैसे अपने नाम को वोटर लिस्ट में शामिल करवा पाएंगे? उन्हें अपने माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करने होंगे। मेरा मानना है कि चुनाव आयोग बिहार में भाजपा सरकार बनाने के लिए काम कर रहा है। ऐसा लगता है कि 2 करोड़ लोगों से वोट देने का अधिकार छीन लिया जाएगा और उनकी नागरिकता समाप्त कर दी जाएगी। स्पष्ट है कि सरकार एनआरसी को लागू करने का प्रयास कर रही है।"
गौरतलब है कि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित 'इंडिया' ब्लॉक के अन्य दलों ने मतदाता सूची के 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) के चुनाव आयोग के निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 3 जुलाई को निर्वाचन सदन में ईसीआई अधिकारियों से मुलाकात की और इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि यह समान अवसर के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है।