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बिहार चुनाव से पहले राजद में इस्तीफों की बाढ़, दो विधायकों ने छोड़ी पार्टी

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में इस्तीफों की एक नई लहर देखने को मिल रही है। हाल ही में दो विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे राजद को एक बड़ा झटका लगा है। विभा देवी और प्रकाश वीर ने इस्तीफा देकर एनडीए में शामिल होने की संभावनाओं को जन्म दिया है। इस स्थिति ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है, खासकर जब से अन्य विधायकों ने भी पार्टी छोड़ी है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
 

राजद में इस्तीफों की नई लहर

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में इस्तीफों की एक नई लहर देखने को मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को एक और बड़ा झटका देते हुए, पार्टी के दो विधायक, नवादा से विभा देवी और रजौली (सुरक्षित) से प्रकाश वीर, ने विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।


इन दोनों विधायकों ने लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हाल ही में गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में मंच साझा करने के बाद, उनके राजद से अलग होने की अटकलें तेज हो गई थीं। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेता जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।


राजद के लिए विभा देवी का इस्तीफा एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वह पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं और 2020 में राजद के टिकट पर नवादा से विधायक बनी थीं। 2025 के लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा श्रवण कुशवाहा को टिकट दिए जाने से वह और उनके समर्थक नाराज थे। उन पर यह भी आरोप था कि उन्होंने चुनाव में राजद के प्रत्याशी का खुलकर समर्थन नहीं किया, जिससे तेजस्वी यादव उनसे असंतुष्ट थे।


इस बीच, विभा देवी की भारतीय जनता पार्टी के साथ नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। अगस्त 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की गया रैली में उनकी उपस्थिति ने राजद में हलचल मचा दी थी। माना जा रहा है कि पार्टी से टिकट कटने की आशंका और एनडीए के साथ बेहतर पारिवारिक समीकरणों के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। अब वह नवादा सीट से भाजपा या जदयू के टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।


गौरतलब है कि इन दो इस्तीफों से पहले राजद विधायक संगीता कुमारी, भरत बिंद और चेतन आनंद भी पार्टी छोड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार हो रही यह टूट विधानसभा चुनाव से पहले राजद के लिए एक गंभीर संकट बन गई है।