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बिहार में आरजेडी विधायक मुन्ना यादव का विवादित बयान, सवर्णों की राजनीति खत्म होने का दावा

बिहार में आरजेडी विधायक मुन्ना यादव ने एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सवर्णों की राजनीति के अंत का दावा किया है। उनका कहना है कि अब सत्ता पर केवल बहुजन समाज का अधिकार होगा। इस बयान ने तेजस्वी यादव की राजनीतिक छवि को चुनौती दी है और चुनाव से पहले सामाजिक तनाव बढ़ाने की आशंका जताई जा रही है। जानें इस बयान का राजनीतिक प्रभाव क्या हो सकता है और आरजेडी के अंदरखाने में क्या चर्चा हो रही है।
 

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में सियासी बयानबाजी

आरजेडी विधायक मुन्ना यादव: जैसे-जैसे बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। इस बार आरजेडी के विधायक मुन्ना यादव ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और तेजस्वी यादव की चुनौतियों को बढ़ा सकता है।


सवर्णों का भविष्य खतरे में

एक यूट्यूब चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में मुन्ना यादव ने कहा कि बिहार में 'मिश्रा, सिंह, झा और शर्मा' जैसे उच्च जाति के शीर्षकों का अब कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव ने ऐसी राजनीति की नींव रखी है, जिसमें अब सत्ता पर केवल बहुजन समाज का अधिकार होगा। मुन्ना ने कहा, 'अब ये लोग फ्रंटफुट पर राजनीति नहीं कर सकते, सीएम की कुर्सी बहुजनों की होगी।'


सवर्णों की राजनीति का अंत

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि जगन्नाथ मिश्रा जैसे नेताओं की सरकार फिर से बने, लेकिन वह समय अब बीत चुका है। मुन्ना ने चुनौती दी, 'अगर हिम्मत है, तो मुट्ठी भर लोगों को आगे कर चुनाव लड़कर दिखाएं, मिट्टी पलीद हो जाएगी।' इस बयान के साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यही कारण है कि सवर्ण वर्ग लालू यादव से नाराज है।


प्रशांत किशोर पर तीखा हमला

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर भी उन्होंने तीखा हमला किया। मुन्ना ने कहा कि प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव को 'नौवीं फेल' कहते हैं, जबकि असल में वह मिश्रा राज की वापसी की कामना कर रहे हैं, जो अब संभव नहीं है।


विवादों से पुराना नाता

यह पहली बार नहीं है जब मुन्ना यादव ने विवादित बयान दिया है। हाल ही में रमजान के दौरान उन्होंने खुद को 'मोहम्मद मुन्ना' कहकर भी चर्चा बटोरी थी। उनकी छवि एक दबंग नेता की है और उन पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। वे 2015 और 2020 में आरजेडी से मीनापुर सीट से विधायक रह चुके हैं।


राजनीतिक नुकसान की आशंका

चुनाव से पहले आया यह बयान सामाजिक तनाव बढ़ा सकता है और राजनीतिक रूप से तेजस्वी यादव की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। आरजेडी के अंदरखाने में भी इस बयान को लेकर असहजता महसूस की जा रही है, क्योंकि पार्टी फिलहाल सभी वर्गों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।