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बिहार में एसआईआर पर गरमाई राजनीति, जेडीयू सांसद ने उठाए सवाल

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जेडीयू सांसद गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि एसआईआर को जबरन थोप दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बिहार का इतिहास और भूगोल नहीं पता। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और गिरिधारी यादव के बयान के पीछे की सच्चाई।
 

बिहार में एसआईआर पर जेडीयू सांसद गिरिधारी यादव का बयान

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग की आलोचना कर रहा है। संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन, विपक्षी दलों के नेता तख्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच, एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग पर एसआईआर को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे जबरन थोपे जाने का आरोप लगाया है।

संसद भवन परिसर में एक समाचार एजेंसी से बातचीत में गिरिधारी यादव ने कहा, “चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान की कमी है। उसे न तो बिहार का इतिहास पता है और न ही भूगोल। मुझे सभी दस्तावेज़ इकट्ठा करने में 10 दिन लगे। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है, वह एक महीने में दस्तख़त कैसे कर सकता है? यह (एसआईआर) हम पर ज़बरदस्ती थोपा गया है। इसके लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था।”

हालांकि, जेडीयू सांसद ने यह स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। उन्होंने कहा, “मैं अपनी निजी राय दे रहा हूं। पार्टी की राय से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। यही सच्चाई है। अगर मैं सच नहीं बोल सकता, तो सांसद बनने का क्या मतलब?”

इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग के एसआईआर मुद्दे पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन करेगा। यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक चुनाव आयोग सुनवाई नहीं करता।”