बिहार में कानून व्यवस्था पर कांग्रेस अध्यक्ष का हमला, नीतीश सरकार को घेरा
कानून व्यवस्था का मुद्दा बिहार विधानसभा चुनाव में प्रमुख
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कानून व्यवस्था एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। विपक्षी दलों के नेता नीतीश सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा का गठबंधन बिहार को देश की 'क्राइम कैपिटल' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बिहार में अवसरवादी डबल इंजन सरकार ने कानून व्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। पिछले छह महीनों में आठ व्यवसायियों की हत्या और पांच बार पुलिस की पिटाई की घटनाएं हुई हैं। हाल ही में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गई, जिसमें बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। जदयू और भाजपा के गठबंधन ने बिहार को अपराध की राजधानी बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में गरीबी अपने चरम पर है, सामाजिक और आर्थिक न्याय की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, और ठप कानून व्यवस्था के कारण निवेश केवल कागजों तक सीमित रह गया है। इस बार बिहार ने ठान लिया है कि वह बीमार नहीं रहेगा। बिहार में बदलाव निश्चित है, और इंडिया गठबंधन इस बदलाव को लाने का वादा करता है।
गोपाल खेमका हत्या मामले में सरकार की मुश्किलें बढ़ी
बिहार के प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने नीतीश सरकार को चारों ओर से घेर लिया है। हाल के समय में लगातार हो रही बड़ी वारदातों ने वहां की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दल के नेता इन घटनाओं के आधार पर सरकार को घेरने में जुटे हैं।