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बिहार में ग्रामीण सड़क विकास योजना से बदल रही गांवों की तस्वीर

बिहार में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत 30,545 किलोमीटर से अधिक सड़कों का विकास किया जा रहा है। यह योजना न केवल ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योजना के तहत सड़कों का पुनर्निर्माण और प्रभावी रखरखाव किया जा रहा है, जिससे गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। जानें इस योजना के तहत क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे नई गति मिल रही है।
 

मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का प्रभाव

बिहार समाचार: मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत ग्रामीण पथों के सुदृढ़ीकरण और प्रबंधन कार्यक्रम ने न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, बल्कि गांवों की स्थिति में भी सुधार किया है। यह योजना अब केवल सड़कों के रखरखाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए एक ठोस आधार बन चुकी है।


पुनर्निर्माण की स्वीकृति

इस योजना के अंतर्गत अब तक 17,927 ग्रामीण पथों, जिनकी कुल लंबाई 30,545.378 किलोमीटर है, के पुनर्निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। ये सड़के राज्य के हजारों गांवों को हर मौसम में निर्बाध संपर्क, बाजारों तक पहुंच, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों तक सुगम आवागमन प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को भी लागू किया है, जिसे पिछले साल नवंबर में राज्य मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृति दी गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रखरखाव करना है।


कार्य की प्रगति

ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार, 17,927 स्वीकृत पथों में से 11,985 पथों, जिनकी लंबाई 20,998 किलोमीटर है, पर कार्य आरंभ हो चुका है। सभी स्वीकृत पथों का प्रारंभिक सुधार कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


उद्देश्य की गहराई

बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को लागू किया है, जो मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रखरखाव करना है। इस कार्यक्रम के तहत सड़कों का दो बार कालीकरण किया जाएगा, ताकि उनकी सतह मजबूत बनी रहे और सड़कों की Riding Quality बनी रहे।


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति

इस योजना के कार्यान्वयन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। किसानों के कृषि उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिला है। गांवों से शहरों तक आसान पहुंच के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नगदी का प्रवाह बढ़ा है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। नई सड़कों ने किसानों को अपनी फसल को समय पर बाजारों तक पहुंचाने में मदद की है, जिससे कृषि उपज की गुणवत्ता बनी रहती है और उन्हें उचित मूल्य भी मिलता है।