×

बिहार में ठनका: 14 वर्षीय बच्चे की मौत, चार अन्य गंभीर रूप से झुलसे

बिहार के मुरहाडीह गांव में ठनका गिरने से एक 14 वर्षीय बच्चे की जान चली गई, जबकि चार अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं। यह घटना उस समय हुई जब बच्चे भैंस चरा रहे थे। गांव में शोक का माहौल है और स्थानीय लोग इस त्रासदी से स्तब्ध हैं। क्या ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई उपाय है? जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के बारे में।
 

बिहार में ठनका: मुरहाडीह में हुई त्रासदी

बिहार में ठनका ने फिर से कहर बरपाया: बिहार के सोनबरसा स्थित मुरहाडीह गांव में सोमवार दोपहर मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे एक 14 वर्षीय बच्चे की जान चली गई। इस घटना में चार अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं और वे अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये बच्चे और कुछ युवक भारत-नेपाल सीमा पर भैंस चरा रहे थे, तभी आसमान से बिजली गिरी। इस हादसे के पीछे का कारण क्या है? क्या मौसम और बिगड़ेगा? आइए, इस दिल दहला देने वाली घटना की गहराई में जाएं।


मुरहाडीह में शोक, धीरज की असामयिक मृत्यु


सोमवार को मुरहाडीह गांव में शोक का माहौल था। 14 वर्षीय धीरज कुमार, जो उमेश राय का बेटा था, ठनका की चपेट में आ गया। तेज बारिश और गरज के बीच बिजली गिरी, जिससे धीरज की मौके पर ही मौत हो गई। वह अपने दोस्तों के साथ भैंस चराने गया था, जब अचानक मौसम ने करवट ली और यह भयानक हादसा हुआ। गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। क्या धीरज का परिवार इस दुख से उबर पाएगा?


चार बच्चे गंभीर रूप से झुलसे


इस घटना में चार अन्य बच्चे, अमित कुमार राय, सुरज कुमार, अंकुश कुमार और अभिराज कुमार, गंभीर रूप से झुलस गए। ये बच्चे भैंस चराने में व्यस्त थे, तभी ठनका ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। एक युवक भी झुलस गया। गांव वालों ने चीख-पुकार सुनकर घायलों को मेजरगंज रेफरल अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने धीरज को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य बच्चों का इलाज जारी है। क्या ये बच्चे इस कठिनाई से उबर पाएंगे?


गांव वालों की तत्परता और पुलिस की पुष्टि


हादसे के बाद मुरहाडीह के लोग तुरंत सक्रिय हो गए। उन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू किया। कन्हौली थाना के प्रभारी सेन्टु कुमार और पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि जय नारायण राय ने इस दुखद घटना की पुष्टि की। पुलिस का कहना है कि खराब मौसम के कारण यह हादसा हुआ। गांव वालों का कहना है कि बारिश के मौसम में ठनका गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। क्या ऐसी घटनाओं को रोकने का कोई उपाय है?


ठनका से सुरक्षा की आवश्यकता


बिहार में ठनका हर साल कई जिंदगियों को छीन लेता है, विशेषकर बारिश के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में। मुरहाडीह का यह हादसा एक बार फिर चेतावनी है कि हमें ठनका से बचाव के उपाय करने होंगे। खुले मैदान में बिजली गिरने का खतरा अधिक होता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे या खुले में न रहें। बिहार सरकार को भी जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। क्या हम ऐसी त्रासदियों को रोकने में सफल होंगे?