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बिहार में नई रेल लाइन का निर्माण: विकास की नई दिशा

बिहार में एक नई 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना के तहत 15 रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है। हाल ही में, रेलवे ने इस रेलखंड पर सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया। स्थानीय निवासियों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देगा। जानें इस परियोजना के बारे में और इसके महत्व के बारे में।
 

बिहार रेलवे स्टेशन पर नई रेल परियोजना


बिहार रेलवे स्टेशन: बिहार में रेलवे नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए एक नई 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना के पूरा होने से यातायात, व्यापार, और कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। अररिया-गलगलिया रेलखंड पर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया। महाप्रबंधक अरुण कुमार चौधरी ने ठाकुरगंज स्टेशन का निरीक्षण किया। इस 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के विकास में एक हाल्ट स्टेशन और पंद्रह रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है। परियोजना की कुल लागत 2132 करोड़ रुपये है।


प्रायोगिक ट्रायल रन की सफलता

सोमवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मालेगांव मंडल के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी ने अररिया-गलगलिया नई रेल परियोजना के नए रेलखंड पर ट्रेन का सफल प्रायोगिक ट्रायल रन पूरा किया। यह ट्रायल एक तकनीकी प्रक्रिया थी, जिसमें नए रेलखंड की सुरक्षा, पटरियों की स्थिरता और संचालन योग्यता की गहन जांच की गई। रेलवे प्रशासन ने इस परीक्षण को अत्यंत सावधानी से किया।


स्टेशन की सुविधाओं का निरीक्षण

स्टेशन की सुविधाओं और तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण 

निर्माण (JM) ने निरीक्षण के दौरान लगभग 11:15 बजे ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पहुंचकर स्टेशन की सुविधाओं और तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी उनके साथ थे। ठाकुरगंज के बाद गलगलिया रेलवे स्टेशन पर जीएम का स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।


स्थानीय लोगों की खुशी

इस रेल लाइन के शुरू होने का वर्षों से इंतजार कर रहे स्थानीय निवासियों के चेहरे पर खुशी थी। भीड़ में मौजूद लोगों ने कहा कि इस रेलखंड का उद्घाटन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इस अवसर पर रेलवे अधिकारी, तकनीकी स्टाफ, और ठेकेदार भी ट्रैक से सुरक्षित दूरी पर खड़े रहे। इस परीक्षण को रेलवे ने पूरी तरह से एक गतिशील ट्रेन के रूप में किया, जो विभिन्न स्टेशनों और पटरियों पर तेज गति से गुजरी। इस दौरान, पटरियों के जोड़, तकनीकी संरचना, सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक की मजबूती की सख्त जांच की गई।


महत्वपूर्ण रेल मार्ग का निर्माण

लाखों लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात

अररिया-गलगलिया रेलखंड के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि यह 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के बीच एक वैकल्पिक रेल मार्ग प्रदान करेगी। भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले इस रेल लाइन पर ट्रेनें चलने लगेंगी। अररिया से गलगलिया तक। पूर्णिया, कटिहार और अररिया के लाखों लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात है।


रेलमार्ग पर स्टेशन

15 स्टेशन रेलमार्ग पर हैं

अररिया-गलगलिया न्यू रेल परियोजना के तहत इस मार्ग पर 15 रेलवे स्टेशन और एक हाल्ट स्टेशन बनाए गए हैं। ये स्टेशन गलगलिया, ठाकुरगंज, भोगडावर, कादोगांव, पौआखाली, तुलसिया, बीबीगंज, टेढ़ागाछ, कालियागंज, कुर्साकाटा, बांसबारी, रहमतपुर, अररिया कोर्ट और अररिया हैं। 2004–2005 में परियोजना की स्वीकृति हुई थी।


परियोजना का इतिहास

2006 में गांधी मैदान ठाकुरगंज में योजना का शिलान्यास तत्कालीन सांसद मु तस्लीमुद्दीन ने पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति में किया गया था, जिसका बजट करीब 540 करोड़ रुपये था। इसके उपरांत, 2014 में मोदी सरकार ने अपने पहले रेल बजट में इस रेल परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए राशि दी, साथ ही रेलवे और जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण के लिए धन भी दिया।

राज्य सरकार ने जून 2017 में इस रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की, लेकिन काम 2019 में शुरू हुआ। इस परियोजना को 1632 एकड़ जमीन दी गई है और लगभग 2132 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह रेल लाइन पूर्वोत्तर बिहार को पूर्वोत्तर भारत और उत्तर बंगाल से जोड़ने का एक विकल्प प्रदान करेगी।