बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज, नीतीश कुमार होंगे NDA विधायक दल के नेता
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इस सिलसिले में लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं। बुधवार को पटना में भाजपा और जदयू की महत्वपूर्ण बैठकें होने जा रही हैं। यह बैठकें एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक से पहले होंगी, जिसमें नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
जदयू विधायकों की बैठक सुबह 11 बजे मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर होगी, जबकि भाजपा की बैठक पटना स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इन दोनों बैठकों के बाद विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी। नीतीश कुमार के निर्वाचित होने के बाद, वे राजभवन जाकर औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। 20 नवंबर को, नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जो बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
इस समारोह का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ एनडीए नेता उपस्थित रहेंगे। इससे पहले, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
उनके साथ एनडीए के कई नेता, बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार, पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। समारोह को सफलतापूर्वक और भव्यता के साथ संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां जोरों पर हैं। एनडीए नेताओं को उम्मीद है कि शपथ ग्रहण समारोह में लगभग तीन लाख लोग शामिल होंगे।
कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इस संबंध में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निश्चित रूप से विपक्ष के सदस्यों को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी शपथ ग्रहण समारोह एक सरकारी कार्यक्रम होता है, इसलिए विपक्षी दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
गौरतलब है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत हासिल की। इसमें भाजपा ने सबसे ज्यादा 89 सीटें, जबकि जदयू ने 85 सीटों के साथ राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनीं। एनडीए में शामिल लोजपा (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली।