बिहार में नेशनल हाईवे पर भीषण जाम से यातायात प्रभावित
बिहार में जाम की समस्या
Bihar Road Traffic: बिहार के सासाराम और रोहतास क्षेत्र में नेशनल हाईवे 19 पर भीषण जाम ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दिल्ली-कोलकाता को जोड़ने वाले इस अहम राजमार्ग पर पिछले तीन दिनों से 15 से 20 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. हजारों यात्री और ट्रक चालक इस जाम में फंसे हुए हैं.
ओडिशा से दिल्ली जा रहे ट्रक ड्राइवर दुबन कुमार ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से सासाराम में ही फंसे हुए हैं और मुश्किल से पांच किलोमीटर ही आगे बढ़ पाए हैं. उन्होंने कहा कि खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है और सड़क किनारे जो स्नैक्स मिल रहे हैं, उसी पर गुजारा करना पड़ रहा है. वहीं, कोलकाता से आ रहे ट्रक चालक संजय दास ने बताया कि उन्होंने 24 घंटे में सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी तय की है.
जाम लगने के कारण
जाम लगने की वजह
जाम की वजह राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI की ओर से चल रहे सड़क चौड़ीकरण का काम बताया जा रहा है. शिवसागर क्षेत्र में हो रहे निर्माण के कारण मार्ग संकरा हो गया है. इसके साथ ही पिछले तीन दिनों से हो रही तेज बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. बारिश के कारण काम बाधित हुआ है और वाहन अस्थायी डायवर्जन से गुजर रहे हैं, जिससे यातायात बेहद धीमी गति से चल रहा है.
व्यापार और माल ढुलाई पर असर
व्यापार और माल ढुलाई हुई बुरी तरह प्रभावित
स्थानीय लोगों और ट्रक चालकों का कहना है कि अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर स्थिति संभालने नहीं आया है. लोगों को खाने-पीने की सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. चाय और बिस्कुट के सहारे लोग समय काट रहे हैं. नेशनल हाईवे 19, जिसे पहले जीटी रोड भी कहा जाता था, एशिया का एक ऐतिहासिक और प्रमुख व्यापारिक मार्ग है. यह आगरा से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होते हुए डंकिनी (हावड़ा के पास) तक जाता है. यह न केवल गोल्डन क्वाड्रिलेटरल का हिस्सा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय एशियन हाईवे नेटवर्क (AH1) से भी जुड़ा हुआ है. यही कारण है कि इस सड़क पर लंबे समय तक यातायात रुकने से व्यापार और माल ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
यात्री सड़क पर रात बिता रहे हैं
यात्री सड़क पर गुजार रहे रात
यात्रियों का कहना है कि इस तरह की स्थिति ने उन्हें बेहद परेशान कर दिया है. कई लोग सड़क पर ही रातें गुजार रहे हैं. ट्रकों में खराब हो रहे सामान और फंसे हुए यात्री लगातार अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हालांकि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.