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बिहार में पीएमजीएसवाई योजना के तहत स्वास्थ्य और सड़क परियोजनाओं का विकास

बिहार में पीएमजीएसवाई योजना के तहत स्वास्थ्य और सड़क परियोजनाओं का विकास तेजी से हो रहा है। पीएमसीएच का कायाकल्प लगभग पूरा हो चुका है, जबकि भागलपुर और गया मेडिकल कॉलेज भी नए रूप में नजर आ रहे हैं। ग्रामीण सड़कों के विकास में भी लक्ष्य से अधिक प्रगति हुई है। इसके अलावा, पेट्रोलियम और गैस परियोजनाओं का कार्य भी जारी है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। जानें इन सभी विकास कार्यों के बारे में विस्तार से।
 

पीएमसीएच का कायाकल्प

PMGSY योजना: बिहार के प्रमुख अस्पतालों में से एक, पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) का पुनर्विकास कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसकी आधारभूत संरचना से संबंधित कार्य 90 प्रतिशत से अधिक संपन्न हो चुका है, और शेष कार्य कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSSY) के तहत पीएमसीएच का कायाकल्प किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत भागलपुर और गया मेडिकल कॉलेज के पुनर्विकास की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इन तीनों अस्पतालों के अपग्रेडेशन की यह पहल प्रधानमंत्री द्वारा बिहार को दिए गए विशेष पैकेज का हिस्सा है। हाल ही में मुख्य सचिव और विकास आयुक्त के बीच हुई समीक्षा बैठक में पीएम पैकेज के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा की गई।


मेडिकल कॉलेजों का नया रूप

2 मेडिकल कॉलेजों की बदली सूरत

भागलपुर का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और गया का अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को 200-200 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया गया है। अब ये कॉलेज नए रूप में नजर आने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने पिछले वर्ष सितंबर में इनका उद्घाटन किया। पीएमसीएच का अपग्रेडेशन अंतिम चरण में है, जिसमें 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। इसके भवन और अन्य आवश्यक सुविधाओं का उद्घाटन हो चुका है और इसे चालू कर दिया गया है।


ग्रामीण सड़कों का विकास

लक्ष्य से अधिक बनीं ग्रामीण सड़कें

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को मजबूत करने के लिए पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) के तहत 22,500 किमी सड़कों का नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इससे कहीं अधिक, 2,864 किमी लंबी सड़कें तैयार की गई हैं। इस पर 18,909 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 11,474 करोड़ रुपये और राज्य की हिस्सेदारी 8,706 करोड़ रुपये है।


पेट्रोलियम और गैस परियोजनाएं

पेट्रोलियम और गैस के प्रोजेक्ट

पीएम पैकेज में पेट्रोलियम और गैस से संबंधित परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है, जिससे बिहार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। आईओसीएल, एचपीसीएल और गेल से जुड़े अधिकांश प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जबकि कुछ अंतिम चरण में हैं। आईओसीएल के तहत बरौनी रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने का कार्य तेजी से चल रहा है, जो अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना है।


एचपीसीएल के प्रोजेक्ट

एचपीसीएल के 4 प्रोजेक्ट भी पूरे

एचपीसीएल के चार प्रोजेक्ट भी सफलतापूर्वक पूरे हुए हैं, जिनकी कुल लागत 176 करोड़ रुपये है। पटना स्थित एलपीजी प्लांट की क्षमता को दोगुणा किया गया है, जबकि पूर्णिया के प्लांट को भी अपग्रेड किया गया है। मुजफ्फरपुर में नया एलपीजी संयंत्र 110 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।


भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय

भागलपुर में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय जल्द मूर्तरूप

बोधगया में आईआईएम और भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना इसी परियोजना का हिस्सा है। बोधगया में आईआईएम 543 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो चुका है और वहां पढ़ाई भी शुरू हो गई है। भागलपुर के विक्रमशीला के पास विक्रमशीला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसका डीपीआर नई दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने तैयार किया है और इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजा गया है।