बिहार में फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र का मामला: प्रशासन ने किया खुलासा
समस्तीपुर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
बिहार के समस्तीपुर जिले में प्रशासन ने एक गंभीर फर्जीवाड़े का समय पर खुलासा किया है। मोहीउद्दीननगर प्रखंड में एक फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र आवेदन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। जैसे ही यह आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और इसकी जांच शुरू की, जिसके बाद आवेदन को रद्द कर दिया गया और साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई।
नकली दस्तावेजों का उपयोग
इस मामले में सबसे पहले प्रखंड की महिला राजस्व पदाधिकारी ने सतर्कता दिखाई। उन्होंने आवेदन की गहन जांच की और उसमें मौजूद गलत तथ्यों और असंगत दस्तावेजों की पहचान की। आवेदन में आवेदक का नाम 'डोनाल्ड जॉन ट्रम्प' और पिता का नाम 'फैडरिक क्रिस्ट ट्रम्प' था, साथ ही एक छेड़छाड़ किया गया नकली आधार कार्ड भी संलग्न था। यह स्पष्ट रूप से एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का मामला है।
साइबर पुलिस की जांच
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। साइबर थाना पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।
कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सेवाओं में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग पूरी तरह से अस्वीकार्य है। ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाएगी। यह संदेश भी दिया गया है कि सरकारी प्रक्रियाओं से जुड़े मजाक या सनसनीखेज कार्य भी गंभीर अपराध माने जाएंगे।
सत्यापन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सरकारी प्रमाणपत्रों के लिए सत्यापित दस्तावेजों का ही उपयोग करें। जानबूझकर गलत जानकारी या फर्जीवाड़ा आवेदन अस्वीकृति और आपराधिक अभियोजन का कारण बन सकता है। यह घटना प्रशासनिक सजगता और तकनीकी दक्षता का एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।