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बिहार में फर्जी मतदाताओं पर ज्ञानेश कुमार का बयान: क्या यह सही है?

बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने फर्जी मतदाताओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि क्या मृत मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाना गलत है? इस पर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस चल रही है, जिसमें तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और चुनाव आयोग की आगामी योजनाओं के बारे में।
 

बिहार में एसआईआर पर बवाल

ज्ञानेश कुमार का फर्जी मतदाता बयान: बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर काफी हंगामा हो रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आयोग और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि क्या मृत मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाना गलत है? क्या हमें फर्जी मतदान की अनुमति देनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक विचारधारा से परे विचार करना आवश्यक है। भारत का संविधान लोकतंत्र का आधार है।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि क्या स्थायी रूप से बिहार छोड़ चुके लोगों को हटाना गलत है? क्या विदेशी मतदाताओं को भारत में मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए? क्या चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों और उनके सवालों से डरना चाहिए? उल्लेखनीय है कि बिहार एसआईआर पर वोटर वेरिफिकेशन की अंतिम तिथि 26 जुलाई है। इसके बाद, 2 अगस्त को चुनाव आयोग अंतिम मसौदा सूची जारी करेगा। इससे पहले, चुनाव आयोग को 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की परीक्षा भी पास करनी होगी। एसआईआर के मुद्दे पर लगभग 12 याचिकाओं को मिलाकर कोर्ट सुनवाई कर रहा है।


इस मामले में बुधवार को बिहार विधानसभा में सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश ने तेजस्वी के बयान पर एसआईआर के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। इसके बाद सदन को हंगामे के कारण स्थगित कर दिया गया था।


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