बिहार में फर्जी सिम कार्ड घोटाला: 7 लाख लोगों के नाम का दुरुपयोग
बिहार में फर्जी सिम कार्ड का बड़ा खुलासा
पटना | बिहार में फर्जी सिम कार्ड से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 7 लाख से अधिक लोगों के नाम का दुरुपयोग किया गया है। यह स्थिति आपको चौंका सकती है, क्योंकि हो सकता है कि आपका नाम भी इस धोखाधड़ी में शामिल हो।
यदि आप बिहार के निवासी हैं, तो तुरंत अपने नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जांच करें और फर्जी सिम कार्ड की शिकायत दर्ज करें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपनी जांच कैसे कर सकते हैं और फर्जी सिम से कैसे बच सकते हैं।
फर्जी सिम कार्ड का मामला
बिहार में साइबर धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें 7,00,979 व्यक्तियों के नाम का दुरुपयोग कर फर्जी सिम कार्ड बनाए गए हैं। दूरसंचार विभाग के संचार साथी ऐप और पोर्टल पर 14,30,614 लोगों ने अपने नंबर की जांच के लिए आवेदन किया था।
इनमें से 11,84,945 लोगों की जांच पूरी हो चुकी है, जिसमें यह पता चला है कि 6 लाख से अधिक लोगों के नाम पर फर्जी सिम कार्ड का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, 2,68,211 लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड कुछ नंबरों को बंद करने की मांग की है।
अपने नाम पर सिम की जांच कैसे करें?
आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं, यह जानना अब आसान है। आप संचार साथी ऐप या वेबसाइट (www.sancharsaathi.gov.in) पर जाकर जांच कर सकते हैं। सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें, कैप्चा भरें और OTP के जरिए वैलिडेशन करें।
इसके बाद आपके सामने आपके नाम पर रजिस्टर्ड सभी नंबरों की सूची आ जाएगी। यदि कोई नंबर ऐसा है, जो आपका नहीं है, तो उस नंबर के सामने ‘Not My Number’ पर क्लिक करके शिकायत दर्ज करें। यदि आपको कोई नंबर बंद करना है, तो ‘Not Required’ चुनकर ‘Report’ पर क्लिक करें। यह प्रक्रिया आपके नाम पर फर्जी सिम हटाने में मदद करेगी।
बिहार में साइबर धोखाधड़ी का बढ़ता मामला
बिहार फर्जी सिम कार्ड के मामले में देश में छठे स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र इस मामले में आगे हैं। देशभर में 38,17,446 लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड को बंद करने की मांग की है।
इस मामले में झारखंड के देवघर से मुकेश महतो नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसने फर्जी पहचान पत्रों और आयुष्मान कार्ड के माध्यम से सिम कार्ड जारी करने में मदद की थी। इससे पहले सुपौल से हर्षित कुमार समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।