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बिहार में मतदाता सूची विवाद: विपक्ष ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा

बिहार में मतदाता सूची के विवाद को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोला है। कांग्रेस और INDIA गठबंधन के नेता आज चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर 'वोट चोरी' और SIR प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे। राहुल गांधी के नेतृत्व में एक विरोध मार्च भी निकाला जाएगा। जानें इस विवाद के पीछे की वजह और चुनाव आयोग का क्या कहना है।
 

बिहार में मतदाता सूची पर विवाद

चुनाव आयोग: बिहार में मतदाता सूची को लेकर चल रहे विवाद के बीच विपक्ष ने आज एक बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस और INDIA गठबंधन के नेता आज दोपहर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर 'वोट चोरी' और SIR प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।


चुनाव आयोग ने कांग्रेस के नेता जयराम रमेश और अन्य को दोपहर 12 बजे निर्वाचन सदन में बैठक के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस बैठक में अधिकतम 30 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति होगी, और उनके नाम पहले से ईमेल के माध्यम से भेजने होंगे। यह बैठक सुकुमार हॉल में आयोजित की जाएगी।


इस बीच, राहुल गांधी के नेतृत्व में आज सुबह 11:30 बजे संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग तक एक विरोध मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च लगभग 1 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें विपक्षी सांसद पैदल चलकर ECI कार्यालय पहुंचेंगे।


विवाद का कारण

क्या है विवाद?


बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत चल रही मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2024 लोकसभा चुनाव में 'वोट चोरी' के आरोप लगाए थे और चुनाव आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है।


चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

ECI का जवाब


चुनाव आयोग ने विपक्ष को एक पत्र भेजकर बताया कि उनके 10 अगस्त के पत्र के जवाब में यह बैठक बुलाई गई है। हालांकि, बैठक के एजेंडा को स्पष्ट नहीं किया गया है। आयोग ने केवल यह कहा कि स्थान की कमी के कारण केवल 30 लोग ही बैठक में शामिल हो सकते हैं.