बिहार में वोटर लिस्ट पर असमंजस: चुनाव आयोग के नए नियमों से जनता में भ्रम
बिहार में वोटर लिस्ट की स्थिति
बिहार वोटर लिस्ट की समीक्षा: बिहार में वोटर लिस्ट की समीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। चुनाव आयोग द्वारा लिए जा रहे निर्णयों ने जनता और नेताओं दोनों को चौंका दिया है। पहले आयोग ने बताया कि सभी मतदाताओं को 25 जुलाई तक वैध दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसके बाद 6 जुलाई को एक पोस्ट में कहा गया कि बिना दस्तावेजों के भी फॉर्म जमा किया जा सकता है। आज चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल 25 जुलाई तक फॉर्म जमा करने वालों के नाम ही मसौदा सूची में शामिल होंगे। इस स्थिति ने मतदाताओं और राजनीतिक दलों में असमंजस पैदा कर दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग केवल भारतीय नागरिकों को वोटर मानता है। आयोग का उद्देश्य है कि केवल वही लोग वोट डाल सकें जो भारत के नागरिक हैं। वह घुसपैठियों को वोटर लिस्ट से हटाना चाहता है, और यह उसका अधिकार है। हालांकि, बार-बार बदलते सर्कुलर से जनता में भ्रम उत्पन्न हो रहा है। आयोग को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि किन लोगों के फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे और 11 दस्तावेजों में से कौन सा दस्तावेज किस तारीख तक जमा करना होगा। इसके अलावा, दस्तावेजों की जांच का अंतिम निर्णय किसके द्वारा लिया जाएगा, यह भी स्पष्ट होना चाहिए।