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बिहार में सिक्स लेन पुल का उद्घाटन, राघोपुर को मिलेगा नया संपर्क

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 जून 2025 को कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जो राघोपुर को पटना से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण संपर्क है। इस परियोजना में 9.76 किमी लंबा केबल स्टे ब्रिज शामिल है, जो गंगा नदी पर बना है। यह पुल न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जानें इस परियोजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उद्घाटन कार्यक्रम

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 जून 2025 को कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस चरण में NH-31 से राघोपुर तक का हिस्सा शामिल है, जो अब पूरी तरह से तैयार है। इस परियोजना के माध्यम से राघोपुर दियारा क्षेत्र को पटना से स्थायी और त्वरित सड़क संपर्क प्राप्त होगा।


पथ निर्माण मंत्री का बयान

"इतिहास रचेगा 23 जून" – पथ निर्माण मंत्री


पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति से उद्घाटन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया, "राघोपुर के लिए 23 जून एक ऐतिहासिक दिन होगा। दशकों से नाव और पीपा पुल के माध्यम से राजधानी से जुड़े इस क्षेत्र के लोग अब केवल 5 मिनट में पटना पहुंच सकेंगे।"


गंगा पर केबल स्टे ब्रिज

9.76 किमी लंबा गंगा पर केबल स्टे ब्रिज


इस 19 किलोमीटर लंबी परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा 9.76 किमी लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज है, जो गंगा नदी पर स्थित है। इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और इसे 100 किमी/घंटा की गति से वाहन चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


विशेष तकनीक का उपयोग

विशेष तकनीक, सीमित संख्या में भारत में


मंत्री ने बताया कि "इस पुल में अत्याधुनिक ‘एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज’ तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसमें केबल को डेक के नीचे से जोड़कर अधिक मजबूती और संतुलन प्रदान किया गया है। यह तकनीक भारत में गिने-चुने पुलों में ही अपनाई गई है।"


स्थायी समाधान और मानसून में राहत

स्थायी समाधान, मानसून में राहत


हर साल मानसून के दौरान जब पीपा पुल हटा लिया जाता था, तब राघोपुर का संपर्क टूट जाता था। अब यह पुल सालभर निर्बाध यातायात की सुविधा प्रदान करेगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की नई संभावनाएं खोलेगा।


आर्थिक पहल और ऋण

एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3,000 करोड़ का ऋण


इस परियोजना पर 5,000 करोड़ से अधिक की लागत आई है, जिसमें से 3,000 करोड़ का ऋण एशियन डेवलपमेंट बैंक से प्राप्त हुआ है। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है।


यातायात में सुधार

गांधी सेतु पर दबाव होगा कम


इस पुल के चालू होने से महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा और पटना-बिदुपुर-राघोपुर के बीच तेज और व्यवस्थित सड़क नेटवर्क विकसित होगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य के किसी भी हिस्से से पटना केवल साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सके।


आर्थिक विकास की नई राह

व्यापार, निवेश और जीवन स्तर में सुधार


यह पुल न केवल राघोपुर को मुख्यधारा से जोड़ेगा, बल्कि व्यापार, निवेश और परिवहन की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा। मंत्री नवीन ने कहा, "यह पुल बिहार की आधारभूत संरचना को मजबूती देने वाला मील का पत्थर साबित होगा।"